बिहार – शेरशाह-सूरी महोत्सव के औपचारिक उद्घाटन के बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ0 नीतू कुमारी नवगीत द्वारा की गई। जिसमें उन्होंने बिहार के पारंपरिक लोक गीतों के साथ साथ बिहार गौरव गान और महिला सशक्तिकरण से संबंधित गीतों की दमदार प्रस्तुति करते हुए माहौल को संगीतमय बनाया । नीतू कुमारी नवगीत ने मंगल के दाता भगवान गणेश की वंदना से अपने कार्यक्रम की शुरुआत की। फिर बिहार की गौरव गाथा सुनाई जिस धरा पर हमने जन्म लिया वही हमारा मान है, ऐ बिहार की धरती तुझ पर जीवन कुर्बान है। उन्होंने पिपरा के पतवा फुनिगिया बोले रे ननदी, वैसे जियरा डोले हमार अरे छुटकी ननदी, हमारा आम अमरैया बड़ा नीक लागेला सैया तोहरे मड़ैया बड़ा नीक लागेला, लाली चुनरिया शोभेला शोभे लाली टिकुलिया जैसे गीतों से लोगों को झुमाया। श्रोताओं की मांग पर उन्होंने दमा दम मस्त कलंदर और छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाई के जैसे प्रेमानुभूति युक्त सूफी गीतों के माध्यम से भी लोगों का मन मोहा। कम उम्र में विवाह न करने, दहेज प्रथा की समाप्ति और महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने अपने एल्बम बिटिया है अनमोल रतन से अनेक गीत सुनाए जिसमें या रब हमारे देश में बिटिया का मान हो जेहन में बेटों जितना ही बेटी की शान हो, इज्जत बची रहे सभी बिटिया के मुल्क में खेलें न कोई खून की होली दहेज में जैसे गीतों के माध्यम से उन्होंने लड़कियों को पढ़ाने और दहेज की कुरीति को मिटाने का आह्वान किया। उनके साथ तबला पर राजन कुमार, ऑर्गन पर राजन कुमार ग्रैमी, नाल पर भोला और ऑक्टो पैड पर सोनल कुमार ने संगत किया।
-नसीम रब्बानी, पटना/ बिहार