*अधिकारियों की मिलीभगत से चलते है नगर क्षेत्र में अवैध रूप से स्कूल
*कई बार ऐसे स्कूलों की शिकायतों के बावजूद अधिकारी नहीं देते हैं ऐसे स्कूलों पर ध्यान क्योकि ऐसे स्कूलों से जाता है अधिकारियों को महीना
*शिक्षा के मंदिरों में ही होगा भ्रष्टाचार तो बच्चों में कैसे आएंगे संस्कार यह कहावत कहीं न कहीं ऐसे स्कूलों पर ठीक साबित होती है
*कक्षा 5 की मान्यता में चलती है कक्षा 8 तक फ़र्ज़ी क्लास व कक्षा 8 की मान्यता में 10 तक चलती है अवैध रूप से क्लासे
* पढ़ाई होती है कही पेपर कहीं रिज़ल्ट किसी स्कूल का होता है टीसी किसी और स्कूल की होती है
*मनमानी फीस ड्रेस कोर्स आदि के रूप में डाला जाता है अभिभावकों की जेबों पर सरेआम डाका *तमाम ऐसे स्कूल हर वर्ष बच्चों की फीस में 50 से डेढ़ सौ की बढ़ोत्तरी कर देते हैं शिकायतों के बावजूद अधिकारी मौन रहते हैं
शेरकोट/ बिजनौर – ऐसा ही एक मामला शेरकोट में कुछ दिन पहले देखने को मिला था रिपोर्ट कार्ड वितरण में ईडन पब्लिक स्कूल शेरकोट के मोहल्ला कायस्थान भटियारी सराय में स्थित है रिपोर्ट कार्ड वितरण के समय कक्षा 5 तक की मान्यता बताई गई है स्कूल प्रबंधक द्वारा और बच्चों के रिजल्ट वितरण हुआ हैं अभिभावकों के सामने ईडन पब्लिक स्कूल के नाम से ईडन पब्लिक स्कूल को मान्यता कक्षा 5 तक की है कक्षा 6,7,8, जबकि ईडन पब्लिक स्कूल की मान्यता नहीं है पूछने पर प्रबंधक द्वारा बताया गया है कि कक्षा 5 तक कि मान्यता है जब कि स्कूल कक्षा 8 तक संचालित है कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाएं भी इस स्कूल में संचालित है अगर किसी को टीसी चाहिए होती है ईडन पब्लिक स्कूल का प्रबंधक आर एम आई जूनियर हाई स्कूल की टीसी देते हैं जबकि अपने स्कूल में रिजल्ट वितरण में ईडन पब्लिक स्कूल का रिजल्ट देते हैं तो कहीं की टीसी और कहीं का रिजल्ट दिया जाता है इस स्कूल में देखने को मिला है कि नीचे व मासूम बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं और ऊपर स्कूल प्रबंधक की मनमानी के अनुरूप किचन संचालित है जिसमें घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल बेधड़क किया जाता है जिससे किसी भी वक्त कोई अप्रिय घटना की संभावना बनी रहती है और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है अगर कोई हादसा होता है उसका जिम्मेदार कौन होगा एक मामला शेरकोट के बाबूजी स्कूल में भी देखने को मिला है कि वहां 11000 की लाइन स्कूल के ऊपर से गुजर रही है वहां भी कहीं ना कहीं बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ होता नजर आ रहा है सवाल बनता है इन स्कूल संचालकों ने अपनी मनमानी के अनुरूप अभिभावकों को ठग रखा है कहीं ना कहीं अभिभावक भी ठगा महसूस कर रहा है अभी वह बच्चों के बारे में पूछता है तो प्रबंधक डरा धमका देते हैं ऐसे स्कूलों के खिलाफ जांच हो कर कार्रवाई की जरूरत है अगर ऐसा ही चलता रहा तो 1 दिन लगता है कि कोई घटना घट सकती है
रिपोर्ट अमित कुमार रवि
शेरकोट