बिजनौर/शेरकोट- पुलिस की कार्य शैलीपर उठ रहे है कई सवाल ।अभी फैजान हत्याकांड का मामला शांत नहीं हुआ था कि एक और नया मामला नगर में रूई की आग की तरह फैल रहा है।
ज्ञात रहे कि बीते समय फैजान हत्याकांड में जो लोग पुलिस ने जेल भेजे थे उनका विरोध नगर वासियों ने सड़कों पर उतर कर किया था कहीं न कहीं अपनी नाकामी छिपा रही थी शेरकोट पुलिस। इसी के चलते शायद कई निर्दोष जेल में गए हो फैजान हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए दो सिपाहियों ने अपने कार्यो पर वाहवाही लूटी थी आज वहीं सिपाही अबला नारी के साथ घर में घुसकर बदतमीजी और उसके पिता को धमकी साथ ही साथ ₹100000 की मांग की गई। चुनाव आयोग के आदेश अनुसार इनका तबादला अब तक हो जाना था परन्तू अभी तक ये चर्चित सिपाही यही पर कुंडली मारे बैठे है आखिरकार अधिकारी क्यों नही कर रहे इनका तबादला।इन सिपाहियों का काला चिट्टा काफी समय से शेरकोट नगरी में चल रहा है सिपाहियों की चर्चा पान की दुकान से लेकर रात में अवैध रूप से चल रहे शराबी कैंटीन तक किसी से छिपी नहीं है आखिरकार अधिकारियों की क्या मजबूरी है जो इनके सामने निर्वाचन आयोग का आदेश भी बौना साबित हो रहा है इससे साबित होता है कि कहीं न कहीं यह जो अवैध रूप से उगाही करते है उसका हिस्सा आला अधिकारियों में भी बंदरबाट करते होंगे जनता की नजरों में कनून भारतीय संविधान एकमात्र मजाक बनकर रह गया है।
शेरकोट पुलिस के ज़ुल्मों से तंग आये एक पीड़ित परिवार पलायन को मजबूर:-
नगर के मोहल्ला खुराड़ा के एक अल्वी परिवार ने पुलिस उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए बताया कि पूर्व में हमारा एक आपसी विवाद हुआ था जिसमें बाद में समझौता भी हो गया था परन्तु जिसमें पुलिस ने डरा धमकाकर एक पक्ष से तहरीर लेकर कार्रवाई की थी। उस विवाद में नया मोड़ उस समय आया था जब एसपी के आदेश पर मेरे पुत्र फ़ैज़ान व पति शराफ़त को नामजद करते हुए थाना शेरकोट पुलिस ने धारा 376 में मुकदमा कायम किया था। कुछ दिन के बाद ही उक्त विवाद में जिम्मेदार लोगो के बीच फैसला हो गया था तथा फ़ैसलानामा लेकर थाने भी गये। मुकदमे में दर्ज पीड़ित महिला के 64 के बयान के लिये भी कहा परन्तु पुलिस ने उल्टा उनके ऊपर दबाव बनाते हुए कहा कि 64 के बयान तब तक नहीं होंगे जब तक आप 1 लाख रूपये नही लेकर आते। पुलिस के ज़ुल्मों से त्रस्त महिला शाकिरा ने बताया कि तब से आज तक पुलिस 1 लाख रूपये की मांग को लेकर लगातार उन्हे व उनके बच्चो को तंग कर रही है तथा धमकी देती है कि यदि शीघ्र ही 1 लाख रूपये नही दिये तो पुलिस उन्हें व उनके बच्चो को किसी भी झूठे मुकदमे में फंसा देगी। डरी सहमी पीड़ित महिला ने बताया कि दबिश के नाम पर आये एक दारोग़ा ने धार्मिक टिप्पणी करते हुए कहा कि आज के दौर में तुम्हें चैन से रहने नहीं दिया जायेगा। पीड़ित महिला ने उच्चाधिकारियों व चुनाव आयोग से हिटलरशाही दिखा रहे उक्त दबंग दारोगा के ज़ुल्मों से छुटकारा दिलायें जानें की मांग की है। पीड़ित महिला ने बताया कि यदि पुलिस इसी तरह से हमारे ऊपर ज़ुल्म करती रही तो हमारे पास पलायन के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।उधर पुलिस ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपो को निराधार बताया।
उल्लेखनीय है कि उक्त दारोगा अवैध उगाही के लिये नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। आचार संहिता लागू होते ही सुबह होते ही अपराधियों का मेला तो लगता है परन्तु शाम होते होते सभी अपराधी अपनी अपनी जेबें ख़ाली कर अपने घरों को रवाना हो जाते हैं। छोटे मुजरिमों पर तो तानाशाही जरूर दिखायी दे रही है परन्तु 302/201 जैसी संगीन धाराओं के मुजरिम खुले में घूम रहे है।
– अमित कुमार रवि,शेरकोट बिजनौर