वाराणसी- प्रसिद्ध कथाकार काशीनाथ सिंह ने कहा कि चौथी राम यादव ने दूसरी परम्परा को विस्तार देने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। उक्त विचार
चन्द्रमा सिंह शिक्षा एवं साहित्य न्यास , हरहुआ ,वाराणसी द्वारा स्थानीय श्रीमती राजेश्वरी इंटरमीडिएट कॉलेज , हरहुआ सम्मान समारोह में व्यक्त की।
प्रोफेसर चौथीराम यादव को आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी आलोचना सम्मान एवं श्री हरीचरन प्रकाश को चन्द्रमा सिंह रचना सम्मान प्रख्यात कथाकार प्रोफेसर काशीनाथ सिंह ने प्रदान किया । समारोह में बोलते हुए प्रोफेसर अवधेश प्रधान ने कहा कि प्रोफेसर चौथीराम यादव सत्य की ओर इशारा करते हैं और झूठ पर प्रहार करते हैं ।प्रोफेसर राजकुमार ने कहा हरीचरन प्रकाश चर्चा और सम्मान की चिंता किये बगैर रचनारत हैं ।बड़ा लेखक वह होता है जो अपनी भाषा से पहचाना जाता है ।हरीचरन प्रकाश ऐसे ही लेखक हैं । हरीचरन जी की भाषा तत्सम बहुल एवं व्यंग्यात्मक है ।अपने समय के समाज एवं परिवर्तन को तेजी से पकड़ते हैं ।
सम्मान समारोह में प्रमुख रूप से जवाहर लाल कौल “व्यग्र”,डॉ0 रामसुधार सिंह ,प्रो0 राजकुमार ,प्रो0 सन्तोष भदौरिया ने भी विचार व्यक्त किया।
समारोह में अतिथियो का स्वागत न्यास के अध्यक्ष कौशलेन्द्र नारायण सिंह ने किया।प्रशस्ति वाचन डॉ0 नृपेंद्र नारायण सिंह व डॉ0 शशि सिंह ने की।धन्यवाद ज्ञापन विजयेंद्र नारायण सिंह तथा संचालन डॉ0 संजय श्रीवास्तव ने किया।
रिपोर्टर-:मनीष मिश्रा बड़ागाँव