शिक्षामित्र नेता बोले- अवकाश के दिनों मे वे हो जाते है बेरोजगार

बरेली। प्रतिवर्ष शीतकाल एवं ग्रीष्मकाल की छुट्टियों मे 15-15 दिन के लिए शिक्षामित्र को वेतन नही मिलता है। इस वर्ष भी शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर से शुरू हो रही है। जिसको लेकर शिक्षामित्र परेशान है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष कपिल यादव ने बताया कि बरेली सहित प्रदेश का शिक्षामित्र दु:खी है। हम लगातार सरकार से समन्वय बनाकर समस्या के समाधान का प्रयास कर रहे है। शीतकालीन अवकाश का उन्हे मानदेय नही दिया जाएगा। इस कारण बरेली समेत प्रदेश भर मे करीब डेढ़ लाख शिक्षामित्र एक जनवरी से आगामी 15 दिनो के लिए बेरोजगार हो जाएंगे। महामंत्री कुमुद केशव पांडे ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों के साथ अन्याय कर रही है। शिक्षामित्रों को शिक्षक की भांति वेतन, आकस्मिक अवकाश, चिकित्सीय अवकाश व बाल्यकाल देखभाल अवकाश मिलना चाहिए। जिला उपाध्यक्ष अनिल यादव, अरविंद गंगवार, अनिल गंगवार, विनीत चौवे का कहना कि सरकार हमारी समस्याओं को गंभीर नही है। शिक्षामित्र को 11 महीने के लिए 10 हजार प्रतिमाह मानदेय मिल रहा है। ब्लॉक अध्यक्ष बिथरी सर्वेश पटेल, संतोष गंगवार, मदन लाल वर्मा, राजेश गंगवार, रामनिवास, राजेश्वरी देवी ने बताया कि अब 15 दिन के लिए हम कहां रोजगार तलाश करे। आसिम हुसैन, भगवान सिंह यादव, धर्मेंद्र पटेल, गौरव पाठक, जसवीर यादव, संजीव सागर का कहना है कि शिक्षामित्रों के सामने संकट, कैसे हो परिवार का लालन-पालन करे। सतीश गंगवार, नरेश गंगवार, प्रेमपाल गंगवार, प्रदीप कुमार, सुरेंद्रपाल वर्मा का कहना कि शिक्षामित्रों को जनवरी माह के शीतकालीन अवकाश का 15 दिन मानदेय न मिलने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है। विनीत चौवे ने कहा कि शिक्षामित्र पिछले सात साल अपना मान-सम्मान खोने के साथ कम मानदेय मे काम चला रहे है। आंदोलन भी नही आए काम, मायूस शिक्षामित्र के संगठन ने कई बार प्रदेश मुख्यालय पर बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन किया था। समस्याओं के समाधान के लिए कमेटी भी बनाई गई। लेकिन सब फाइलों मे सिमटकर रह गया।।

बरेली से कपिल यादव

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