बरेली। रविवार को मदर्स डे को तौर पर मनाया जाता है। मां के लिए कोई एक दिन नहीं होता है, वो अलग बात है कि एक खास दिन को मां के नाम निश्चित कर दिया गया है। मदर्स डे पर प्रदेश भर के शिक्षक शिक्षिकाओ ने ऑनलाइन संगोष्ठी मे मातृ शक्तियों के नाम समर्पित किया। मातृशक्ति के स्वरूप मां को समर्पित चंद लाइनें कि “पिता पेड़ हैं हम शाखाएं हैं उनकी, मां छाल की तरह चिपकी हुई है पूरे पेड़ पर, जब भी चली है कुल्हाड़ी पेड़ या उसकी शाखाओं पर माँ ही गिरी है सबसे पहले टुकड़े होकर। ऑल इण्डिया प्राइमरी टीचर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव कमला कान्त त्रिपाठी ने ऑनलाइन सम्बोधन में कहा कि मां प्रथम गुरू होती है मां के आशीर्वाद से दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं है। इसके अतिरिक्त संगठन स्तर पर देश भर की चुनिंदा बेटियों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता पांच हजार बार्षिक उपलब्ध कराई जाती है। गोष्ठी में बदायूं के विधायक कुशाग्र सागर ने कहा कि मां का स्थान सबसे ऊपर होता है। कार्यक्रम आयोजक प्रदेश प्रभारी शैक्षिक नवाचार मनोज कुमार सिंह ने कहा कि जीवन में मां का स्थान सर्वोपरि है। शैक्षिक नवाचार सहमण्डल व जिला प्रभारी राहुल यदुवंशी ने मां को जीवनदायिनी व अनमोल बताते हुए कहा ” मुझे मोहब्बत है अपने हाथों की सभी उंगलियों से, न जाने कौन सी उंगली पकड़कर मुझे मेरी मां ने चलाया होगा। गोष्ठी में उपेन्द्र राजम आगरा, रीना मुजफ्फरनगर, अरविन्द पाण्डेय महाराजगंज, शरद चौहान शाहजहांपुर, अकबर अली हमीरपुर, रविकान्त मिर्जापुर, दीनवन्धु त्रिपाठी सोनभद्र, अभिषेक मिश्रा हरदोई, पुष्पेन्द्र एटा, अजीत गुप्ता मऊ, छायाराव सहारनपुर, नीतू चहल मुरादाबाद, आदित्यकुमारी लखीमपुर, देवेन्द्र प्रताप सिंह बरेली, विन्दु मथुरा, शालिनी सक्सेना चंदौसी, सुषमा त्रिपाठी गोरखपुर, निशंका जैन मैनपुरी, मृदुला गंगवार बरेली, माधुरी जायसवाल जौनपुर, सरिता तिवारी झांसी, प्रशान्त गंगवार बरेली, जयमाला अलीगढ, सुधा मिश्रा ,नीलम बदायूँ आदि जनपदों के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया।।
बरेली से कपिल यादव