शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता के विरोध मे प्रदर्शन

बरेली। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की अगुवाई मे सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में सैकड़ों शिक्षकों ने सेवारत शिक्षकों पर टेट की अनिवार्यता के विरोध मे प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी शिवेश कुमार गुप्ता को सौंपा। शिक्षकों ने 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने पर नाराजगी जताई। जिलाध्यक्ष प्रियंका शुक्ला ने कहा यह आदेश लाखों सेवारत शिक्षकों की सेवा और आजीविका पर सीधा संकट है। मांग करते हुए कहा कि यह निर्णय केवल भावी नियुक्तियों पर लागू किया जाए। 15 से 20 साल से सेवा दे रहे शिक्षकों पर नई शर्तें थोपना अन्यायपूर्ण है। महामंत्री सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि देश के 20 लाख से अधिक शिक्षक इस आदेश से प्रभावित हैं। कहा जिन्होंने अपना जीवन शिक्षा सेवा में लगाया, अब उनकी नौकरी और परिवार असुरक्षा मे है। सरकार को तत्काल हस्तक्षेप कर विधायी संशोधन करना चाहिए। जिला संगठन मंत्री सत्यार्थ पाराशरी ने कहा यह अनिवार्यता न्यायोचित नही है। कोषाध्यक्ष परीक्षित गंगवार ने कहा कि यह मुद्दा केवल कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक और मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा है। ज्ञापन में कहा गया है कि संगठन किसी भी परिस्थिति में शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और सम्मान से समझौता नहीं करेगा। ज्ञापन देने वालों मे शरद दीक्षित, पारुल चंद्रा, डॉ. शिखा अग्रवाल, शालिनी सक्सेना, निमित पाठक, अवनीश गंगवार, राजेंद्र तिवारी, सत्यपाल सिंह, राजपाल गंगवार, दीपक कुमार, सुनील कुमार, आलोक शंखधार, अंजू अग्रवाल, प्रीति देवी आदि शिक्षक शामिल रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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