बरेली। शाहदाना वली दरगाह पर उर्स के दूसरे दिन गुरुवार को सुबह कुरानख्वानी से कार्यक्रम का आगाज हुआ। दरगाह पर संदल पेश किया गया। मौलाना मुशाहिद रजा ने सलातो सलाम का नजराना पेश किया। दरगाह पर पूरा दिन हाजिरी देने के लिए अकीदतमंद पहुंचते रहे। वही चादरों का जुलूस निकाला गया। दोपहर को चक चुंग्गी से हाजी फुरकान के निवास से सूफी रिजवान मियां की सरपरस्ती में चादरों का जुलूस शुरू हुआ, जो परंपरागत रास्तों से होता हुआ दरगाह शाहदाना वली पर पहुंचा। दरगाह पर रिजवान मियां ने चादर पेश करके देश में अमन और भाईचारे की दुआ की। दरगाह के मुतावल्ली अब्दुल वाजिद खां बब्बू मियां ने चादरों में शामिल लोगों की दस्तारबंदी की। आजमनगर से शीरोज सैफ कुरैशी की सरपरस्ती में मोहम्मद अमन चिश्ती, मोहम्मद अली रजा, इमरान साबरी ने दरगाह पर गिलाफ व फूल पेश किए। शाम के समय दरगाह पर चंदा मियां अशरफी ने मिलाद की महफिल सजाई। रात में दूर दराज से आए उलमा मौलाना अब्दुल मुस्तफा, मौलाना गुलाम यजदानी ने सरकार गौसे पाक, ख्वाजा गरीब नवाज, वारिस ए पाक, साबिर ए पाक और सरकार शाहदाना वली की करामातों को बयां करते हुए रूहानी जिंदगी पर रोशनी डाली। गुरुवार की देर रात 1 बजकर 38 मिनट पर मुफ्ती ए आजम हिंद के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। मीडिया प्रभारी वसी अहमद वारसी ने बताया कि शुक्रवार रात 10 बजे महफिल ए शमा का आयोजन होगा। युसूफ इब्राहिम, वसी अहमद वारसी, इमरान खां, मिर्जा शाहाब बेग, तौसीफ खान, मिर्जा मुकर्रम वेग सलीम रजा, गुल्लान खां, आफताब मिया, उस्मान अल्वी, हाजी फुरकान आदि मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव