कोटा/राजस्थान- पुलवामा में शहीद हुए वीर सपूत हेमराज मीना का पार्थिव शहर जब घर पहुंचा तो उनकी पत्नी बाहर आई और वहां मौजूद लोगों को रोने के लिए मना करते हुए भारत माता की जय बोली। पत्नी ने अपने माथे का सिंदूर हटाने की जगह सिंदूर लगाया। इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर दोपहर 2 बजे विनोदकलां पहुंचा। यहां राजकीय सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार में मुख्याग्नि शहीद के बड़े बेटे अजय ने दी। अंतिम संस्कार के दौरान देशभक्ति नारे गूंजते रहे। शहीद की पुत्री रीना, टीना और छोटा पुत्र ऋषभी मौजूद रहे। अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए। सांसद ओम बिरला, जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल सहित संभागभर के जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।जब उनकी पार्थिव देह कोटा पहुंची तो शहीद के घरवालों के साथ पूरा शहर खड़ा नजर आया। हाड़ौती का लाल देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देकर तिरंगे में लिपटा आया। जवान के पार्थिव शरीर के पहुंचते ही भारत मां के सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। भारत माता की जय और शहीद अमर रहे… के नारे कोटा से विनोदक कलां तक सुनाई देते रहे। पूरे हाड़ौती में एक तरफ गम और गुस्सा था तो वहीं आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग सबने एकजुट होकर उठाई है। लोगों की आंखें आंसुओं से भीग रही थीं तो सीने में बदले की आग धधक रही थी।