बरेली। देश की समृद्धि मे खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की अहम भूमिका होती है। कई देश कृषि प्रधान नही है पर वे भुखमरी (हंगर इंडेक्स) मे शामिल नही। कृषि प्रधान देश भारत मे क्षमता है कि वो वैश्विक भुखमरी का समाधान कर ग्लोबल फूड बास्केट के तौर पर पहचान बना सके। बरेली के परसाखेड़ा स्थित बीएल एग्रो इंडस्ट्री में आयोजित कार्यक्रम मे बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने ये बातें कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के विकास मे फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर्स की अहम भूमिका है। वे किसानों के उत्पादन को और बेहतर बनाकर उसे देश-दुनिया के कोने-कोने तक ले जाते हैं। ऐसी इकाइयों को केंद्र सरकार पूरा सहयोग कर रही है। वर्तमान में फूड सिक्योरिटी के साथ फूड सेफ्टी पर भी केंद्र सरकार ध्यान दे रही है। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत एफएमसीजी उत्पादों को पूरा सहयोग मिल रहा है। मंत्री ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग के प्रत्येक पहलू खेती से लेकर कोल्ड स्टोरेज फिर यूनिट स्थापना को ध्यान मे रखकर योजना बन रही है ताकि देश के उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया जा सके। प्रोसेसिंग से पोषक तत्व नही निकलते, बल्कि उसे और स्वादिष्ट बनाया जाता है। चिराग पासवान ने कहा कि दुनिया के प्रत्येक डाइनिंग टेबल पर भारत की एक डिश जरूर मौजूद हो, इस सोच से मंत्रालय कार्य कर रहा है। यह संकल्प तभी पूरा होगा जब प्रसंस्करण इकाइयां बढ़ेंगी। पहले सरकारें उद्योग स्थापना में जुटे उद्यमियों को परेशान करती थीं। अब उद्योग बढ़ रहे है। देश स्वरोजगार की ओर अग्रसर है। कोई समस्या है तो मुझे बताएं। उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों में डबल इंजन की सरकार है। इसलिए अब दिक्कत नहीं है। योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने में सहयोग मांगा।।
बरेली से कपिल यादव