बरेली/फतेहगंज पश्चिमी।विश्व मधुमेह दिवस गुरुवार को जागरूकताप्रद कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। मधुमेह रोग के प्रति लोगों को एकल विद्यालय की तरफ से जागरुक किया गया। जिसमें कस्वे के स्कूल व एकल स्कूल के बच्चे शामिल हुए। मधुमेह (डायबिटीज) के बारे में आमजन को जानकारी होना बेहद जरूरी है। यदि किसी को डायबिटीज की समस्या हो जाती है तो इसे पूरी तरह से ठीक कर पाना असंभव है लेकिन यदि थोड़ी सावधानी बरती जाए तो इससे होने वाले खतरों से बचाव किया जा सकता है। डायबिटीज कई बार प्राकृतिक या आनुवांशिक कारणों से होती है। डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार का ध्यान रखना चाहिए। यह रोग उम्र के आखिरी पड़ाव तक बना रहता है, इसलिए इसके खतरों से बचे रहने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। डायबिटीज का असर किडनी पर कुछ साल बाद ही शुरू हो जाता है। ऐसे में इसे रोकने के लिए ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों को सामान्य रखना चाहिए। ऐसे में नियमित शुगर स्तर के जांच करवाते रहना चाहिए। किसी भी तरह के घाव को खुला नहीं छोडना चाहिए। फलों का रस लेने के बजाय फल खाने चाहिए। नियमित व्यायाम करना चाहिए और अपना वजन नियंत्रित रखना चाहिए। योग भी डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्छा है। मधुमेह रोगियों को धूम्रपान से दूर रहने के साथ ही सूखे मेवे, बादाम, मूंगफली, आलू और शक्करकंद जैसी सब्जियां बहुत कम या बिल्कुल नहीं खानी चाहिए। ऐसे व्यक्ति को फलों में केला, चीकू, अंजीर और खजूर से परहेज करना चाहिए। डायबिटीज से ग्रस्त रोगियों के लिए सलाद के साथ ही सब्जियों में मेथी, पालक, करेला, बथुआ, सरसों का साग, सोया का साग, सीताफल, ककड़ी, तोरई, टिंडा, शिमला मिर्च, भिंडी, सेम, शलगम, खीरा, गाजर आदि का सेवन अच्छा रहता है। डा. सुरेंद्र ने बताया कि डायबटीज होने पर फाइबर व ओमेगा थ्री फैटी एसिड युक्त आहार का भी ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए। कार्यक्रम में कृष्णपाल मौर्य चेयरमैन, चक्रवीर सिंह चौहान, अजय सक्सेना, संजय चौहान, दयाशंकर शर्मा, प्रदीप भारद्वाज, प्रमोद कुमार, राम बहादुर, विशाल मिश्रा, अनिल कुमार, कुमारी जया, बाबूराम, अनुज, सुनील कुमार, गप्पू सहित सरस्वती शिशु मंदिर के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
– बरेली से सौरभ पाठक की रिपोर्ट