बरेली। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित विश्व पुस्तक मेला नई दिल्ली मे लेखिका सुश्री चंद्रकांता द्वारा संचयित व संपादित पुस्तक त्रिशंकु एवं अन्य कहानियां मन्नू भंडारी का लोकार्पण किया गया। इस पुस्तक का प्रकाशन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की महत्वाकांक्षी किशोर साहित्य परियोजना के अंतर्गत किया गया है। लेखिका ने अपने वक्तव्य मे किशोर साहित्य परियोजना के माध्यम से हिंदी साहित्य मे विद्यमान रिक्त स्थान को भरने के लिए न्यास की मुक्तकंठ से सराहना की और किशोर साहित्य की संभावनाओं को खंगालने पर जोर देते हुए इसके भीतर उपन्यास, कहानी, कविता, संस्मरण आदि विधाओं पर काम किए जाने का प्रस्ताव किया। आई ऑब्जेक्ट (द्विभाषी कविता संग्रह) व जनाना (कथा संग्रह) के साहित्य में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करने वाली बहुचर्चित लेखिका चंद्रकांता कथा व पद्य साहित्य के अतिरिक्त हिंदी फिल्म समीक्षा व संपादन कार्य मे भी प्रभावी दखल रखती है। प्रतिलिपि कथा पुरस्कार 2020, मीडिया व लेखन सम्मान (सुकेत संस्था), इंडिया नेटबुक्स युवा रचनाकार सम्मान 2022 व मीडिया 360 कथाभारती सृजन पुरस्कार 2021-22 द्वारा सम्मानित चंद्रकांता के लेखन का केंद्रबिंदु वह सीमांत व्यक्ति है जो विकास व सभ्यता से प्राप्त होने वाले लाभों से वंचित रहा है। थीम पवेलियन हाल नंबर पांच मे न्यास संपादक (हिंदी) डॉ ललित किशोर मंडोरा द्वारा संचालित सत्र में न्यास के निदेशक युवराज मलिक, चेयरमैन प्रोफेसर मराठे, मुख्य संपादक एवं संयुक्त निदेशक कुमार विक्रम, वरिष्ठ लेखक व न्यासी सदस्य प्रो वलीश्वर, के. के. बिड़ला फाउंडेशन के निदेशक डॉ सुरेश ऋतुपर्ण, वरिष्ठ लेखक श्रीप्रकाश मनु व डॉ सुधा शर्मा पुष्प की गरिमामयी उपस्थिति रही।।
बरेली से कपिल यादव