विश्वकर्मा जयंती को सरकार घोषित करे राष्ट्रीय श्रम दिवस, होगा डिजिटल आंदोलन

बरेली। भारतीय मजदूर संघ ने सरकार से 17 सितंबर को राष्ट्रीय श्रम दिवस घोषित करने की मांग की। भारतीय मजदूर संघ अपने पांच महत्वपूर्ण त्योहारों में भगवान बाबा विश्वकर्मा जयंती को बड़े श्रद्धापूर्वक मनाता है। विश्वकर्मा भगवान ने पहली इंजीनियरिंग की पुस्तक लिखी। श्रमिक संघ ने केंद्र सरकार से विश्वकर्मा जयंती को राष्ट्रीय श्रम दिवस घोषित करने की मांग की है। वैसे तो एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। उसका भारतीय संस्कृति से दूर-दूर तक कोई मेल नहीं है। भारतीय संस्कृति से वह दिवस भिन्न है। पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के केंद्रीय महामंत्री जेएस भदौरिया ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ और भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान पर गुरुवार को पूरे भारत में डिजिटल तकनीक ट्विटर के माध्यम से एक आंदोलन चलाया गया। जिसमें सरकार से विश्वकर्मा जयंती को श्रम दिवस घोषित करने की मांग की गयी। ट्विटर पर विश्वकर्मा जयंती पर राष्ट्रीय श्रम दिवस के माध्यम से कार्यक्रम किया गया। भगवान विश्वकर्मा ने शिवजी को त्रिशूल, विष्णु को चक्र सहित इंद्र आदि सभी देवी-देवताओं के लिए आवश्यक अस्त्र शस्त्र बनाकर दिए। इन्द्र को इन्द्रपुरी, रावण को सोने की लंका, भगवान कृष्ण को द्वारिका और पांडवों को इंद्रप्रस्थ बनाकर दिया। जगत की रक्षा को अपने ही पुत्र जो कई बार इंद्र को पराजित करने के बाद देवताओं पर आक्रमण करने लगा। देवताओं के आग्रह पर महाऋषि दधीचि की जीवित हड्डियों से व्रत से व्रतासुर बने। अपने ही पुत्र को मारने के लिए घातक बज्र बना कर दिया। इस प्रकार प्रखर जगत रक्षक बने।।

बरेली से कपिल यादव

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