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विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने किया धरना-प्रदर्शन

ग़ाज़ीपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ0प्र0 के आह्वाहन पर जनपद गाजीपुर में संघर्ष समिति का सोमवार को विद्युत वितरण मण्डल कार्यालय बडी़बाग गाजीपुर पर धरना प्रदर्शन किया गया। धरना का मुख्य उद्देश्य बारह शहरांे क्रमशः वाराणसी, गोरखपुर, मुरादाबाद, मेरठ, मऊ, बलिया, सहारनपुर, ऊरई, इटावा, कन्नौज, रायबरेली एवं लखनऊ आदि ऐसे जिलों जिनकी सारी व्यवस्था विभागीय कर्मचारियों द्वारा दुरूस्त कर दी गयी थी तथा थ्रू रेट भी सम्मान जनक हो गया था, के निजीकरण का उ0प्र0 सरकार का अवैधानिक फैसले के विरूद्ध विरोध प्रदर्शन था। संघर्ष समिति गाजीपुर के विरोध प्रदर्शन में अभियन्ता, अवर अभियन्ता तथा समस्त तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी एवं प्राइवेट संविदाकर्मी के कर्मचारी उपस्थित रहे। सभा को सम्बोधित करते हुए संघर्ष समिति गाजीपुर के संयोजक निर्भय नरायण सिंह ने कहा कि पाॅच शहरों के निजीकरण एवं सात अन्य जनपदों के निजीकरण के फैसले से कर्मचारियो में असन्तोष व्याप्त है वे अपने भविष्य को लेकर चिन्तित है एवं सरकार के इस फैसले के विरूद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए कटिबद्ध है। श्री सिंह ने बताया कि सरकार की इस जन विरोधी फैसले से किसानों, मजदूरों, व्यापारियों एवं आम जनमानस को महॅगी बिजली उपलब्ध होगी। श्री सिंह ने बताया कि ऊर्जा निगमों का विभिन्न सरकारी संस्थानों पर लगभग रुपया दस हजार आठ सौ करोड़ विद्युत बिल बकाया है। विगत वर्षांे में सरकारों द्वारा अपने वोट बैक के चक्कर में ओ0टी0एस0 योजना चलायी गयी किन्तु सब्सीडी के नाम पर सरकार द्वारा एक रूपया भी ऊर्जा निगमों को मुहैया नहीं कराया गया एवं दृढ़ राजनितिक शक्ति के अभाव में कारपोरेशन का घाटा बढ़ता गया जिसका सारा ठीकरा कर्मचारियों पर फोड़ा जा रहा है जो सर्वथा अनुचित एवं निन्दनीय है।

-प्रदीप दुबे

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