विकास दुबे के अंत के बाद उसके गुर्गों का आतंक, पीड़िता ने मुख्यमंत्री से लगायी गुहार

कानपुर- दुर्दांत विकास दुबे के अंत के बाद उसके गुर्गे अभी भी आतंक बने हुए हैं। समय बीतने के साथ ही फिर से जमीनों पर दबंगई से कब्जे शुरू कर दिए गए हैं। ऐसा ही एक मामला कानपुर पुलिस कमिश्रेट के नौबस्ता थाना क्षेत्र के बूढ़पुर मछरिया गल्लामंडी इलाके का प्रकाश में आया है। 4 अक्टूबर को पीड़िता ललिता देवी ने मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत की है।

पीड़िता ने बताया कि उंसके एक प्लाट पर जिसमे बाउन्ड्री और 2 दुकानें बनी थी जिसकी आराजी संख्या-1846 प्लाट नम्बर 11 मौजा बुढ़पुर मछरिया नौबस्ता को रावतपुर गृह निर्माण समिति से 1988 में खरीदा था साथ ही उसके बगल में भी एक प्लाट 1989 में खरीद कर रह रहे थे। जिसे 16 अक्टूबर 2008 को दुर्दांत विकास दुबे उसके रिश्तेदार राजेन्द्र दुबे उर्फ राजू और राजेश दुबे उर्फ पप्पू ने अपने एक दर्जन असलाहधारी गुर्गो के साथ कब्जा कर लिया था और असलहों की दम पर कई दिनों तक पूरे परिवार बन्धक बनाकर रखे रहे थे।

पीड़िता ने कहा कि तत्कालीन बसपा सरकार में विकास दुबे की तूती बोलती थी और उसके वर्चस्व के आगे उसकी सुनवाई नही हुई बल्कि उस समय बिल्हौर लोकसभा के सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने एसएसपी को पत्र लिखकर विकास दुबे, राजू दुबे, पप्पू दुबे और उनके गुर्गो के खिलाफ कार्यवाही के लिए कहा था फिर भी पीड़िता की एफआईआर तक नही लिखी गयी। यही नही दबंगों के हौसले इतने बुलंद है कि वो अब पीड़िता के दूसरे प्लाट पर जबरन कब्जा करना चाहते है।

पीड़िता का आरोप है कि 27 जुलाई को जब वो अपनी दुकान पर थी तभी दबंग राजू दुबे और पप्पू दुबे ने अपने साथियों के साथ दूसरे प्लाट को खाली करने के लिए धमकाया घटना की जानकारी थाना नौबस्ता में दी आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। कब्जा करने वाले आरोपी पूर्व में भी विकास दुबे के साथ जमीनों पर कब्जा कर किसानों से जबरन बैनामा करवा लेता था।

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