बरेली। आंवला सांसद नीरज मौर्य ने सोमवार को लोकसभा में अनुपूरक अनुदान मांगें वर्ष 2025-26 पर चर्चा के दौरान रबड़ फैक्ट्री सिंथेटिक्स एंड केमिकल्स लिमिटेड का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। कहा कि फैक्ट्री बंद होने से 1400 से अधिक स्थाई कर्मचारी और हजारों अस्थायी मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं, जबकि 1432 कर्मचारियों का वेतन, पेंशन व अन्य देनदारियां अब तक लंबित हैं। सांसद ने सरकार से मांग की कि अनुपूरक बजट के माध्यम से इन कर्मचारियों के बकाया भुगतान की व्यवस्था की जाए, ताकि वर्षों से संघर्ष कर रहे श्रमिकों को न्याय मिल सके। उन्होंने इसे केवल बरेली ही नहीं, बल्कि श्रमिक हितों से जुड़ा राष्ट्रीय मुद्दा बताया। सांसद नीरज मौर्य ने 72 बिंदुओं वाली अनुपूरक अनुदान मांगें, जिनकी कुल राशि एक करोड़ 32 लाख और अतिरिक्त अनुदान मांग के तहत 41,455 करोड़ रुपये का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार किसानों और आमजन के हितों की उपेक्षा कर रही है। कहा कि किसानों को न तो समय पर उर्वरक और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिल पा रहा है जबकि उर्वरक सब्सिडी के नाम पर विदेशी कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। शिक्षा के मुद्दे पर उन्होंने “एक देश, एक सदस्यता” योजना को उच्चवर्गीय संस्थानों के लिए लाभकारी बताते हुए ग्रामीण क्षेत्रों और पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक समाज के लिए कम बजट को भेदभावपूर्ण बताया। सांसद ने शिक्षा का अधिकार कानून का पूर्ण पालन करने, बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने और शिक्षा बजट में कटौती न करने की मांग की। उन्होंने “विकसित भारत” को केवल नारा बताते हुए ग्रामीण विकास के लिए सांसद निधि बढ़ाने की भी मांग सदन में रखी।।
बरेली से कपिल यादव
