बिहार /मझौलिया- छठ व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर कड़ी साधना की। व्रतियों ने उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ का प्रसाद ग्रहण किया और समाज और देश की कुशलता की कामना की। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के चौथे दिन अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने अन्न-जल ग्रहण कर ‘पारण’ किया और 36 घंटे का निर्जला उपवास समाप्त किया।उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था एवं सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ पूजा संपन्न हो गया।
इस बार चैती छठ पूजा कोरोनावायरस के कारण घर पर ही संपन्न हुआ। जिला प्रशासन द्वारा सभी छठ व्रतियों और नागरिकों से अपील की गई थी कि कोविड 19 को देखते हुए छठ पूजा को अपने घर पर ही संपन्न कराए जाए। सामाजिक दूरी को निभाते हुए इस बार छठ पूजा में छठ व्रतियों द्वारा अपने द्वार, आंगन या छत पर ही घाट बनाकर अर्घ्य दिया गया। छठ पूजा को लेकर दिखने वाली उमंग भी इस बार देखने को नहीं मिली। छठ व्रतियों द्वारा कोरोना बीमारी को घर समाज व देश से दूर करने के लिए भगवान भास्कर से आशीर्वाद मांगा।
व्रतियों ने अर्घ्य के उपरांत पारण किया ।कार्तिक माह की अपेक्षा चैती छठ में व्रतियों की संख्या कम होती है।साठी थाना क्षेत्र के सतवरिया में छठ ब्रती ज्ञानती देवी,शिल्पी देवी , सहित कई छठ व्रतियों ने नेम टेम के साथ व्रत किया। कोरोना महामारी के मद्देनजर उन्होंने अपने दरवाजा पर ही सिरशोपता का निर्माण कर पूजा अर्चना की । परंपरागत छठ गीतों से वातावरण आध्यात्मिक रहा।मौके पर उपस्थित्त सुहागिन महिलाओ का मांग बहोरा गया।
– राजू शर्मा की रिपोर्ट