बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। लॉकडाउन फिर से लगने की अफवाह के बाद शहर से लेकर देहात तक में पिछले दो दिन से खाद्य सामग्री की कालाबाजारी शुरू हो गई है। खासतौर से गुटखा व पान मसाला की। यह हालत केवल कस्बा फतेहगंज पश्चिमी का नहीं है, बल्कि जिले के तकरीबन सभी हिस्सों की है। हालांकि राशन की अन्य सामग्री को भी स्टाक करने की बात सामने आई है, जिससे लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान होना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले दो दिन से शहर व देहात में अफवाह है कि 15 जून से फिर से लॉकडाउन होने वाला है। जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया सहित अन्य प्लेटफार्म से शहर व कस्बे में फैली, वैसे ही जमाखोरों ने अपना काम करना शुरू कर दिया। हालांकि 15 जून से लॉकडाउन की कहीं से भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो रही है।
सबसे अधिक गुटखा व पान मसाले की कालाबाजारी
जैसे ही लॉकडाउन होने की आफवाह फैली, वैसे ही सबसे पहले गुटखा व पान मसाला की कीमत बढ़ गई। उदाहरण के तौर पर समझिए कि किसी कंपनी एक पाउच 10 रुपये में आता था, वह शनिवार को 15 रुपये का हुआ और रविवार को 20 रुपये का हो गया। इसी तरह सिगरेट व अन्य मादक पदार्थों का हाल है।
स्टॉकिस्ट ही कर रहे कालाबाजारी
खासबात यह है कि गुटखा व अन्य पदार्थों की काला बाजारी दुकानदार नहीं स्टॉकिस्ट कर रहे हैं। वे दुकानदारों व अपने सब स्टॉकिस्टों को जो माल मुहैया करा रहे हैं, उसे बढ़ी हुई कीमत पर ही दे रहे हैं। यानी कोई गुटखे का पैकेट 150 रुपये का आता है। उन्होंने पहले उसकी कीमत 200 रुपये की और बाद में कीमत 250 कर दी। ऐसे में रिटेल में दुकानदार सभी चीजों को महंगा ही बेच रहे हैं।
रोक लगाने के उपाय नहीं
काला बाजारी की बातें प्रशासन तक पहुंच रही हैं, लेकिन प्रशासन स्तर से इस पर रोक लगाने का प्रयास नहीं किया जा रहा। इससे फतेहगंज पश्चिमी व जिले मे कालाबाजारी लगातार बढ़ रही है। लोगों का कहना है कि प्रशासन यदि कोई कदम नहीं उठाएगा तो मुनाफाखोरों का हौसला इसी तरह से बढ़ता जाएगा।।
बरेली से कपिल यादव