लॉकडाउन के चलते बरेली स्टेशन पर लगा ताला

बरेली। जंक्शन पर सोमवार की सुबह पहली ट्रेन लखनऊ की ओर से अवध आसाम एक्सप्रेस आई। उस ट्रेन पर न तो कोई चढ़ा और नहीं ही उतारा। सिर्फ मालगाड़ियां ही अप-डाउन की आ रही हैं। जंक्शन पर सन्नाटा छाया है। प्लेटफार्म, आरक्षण विंडो और सर्कुलेटिंग एरिया में उदासी छाई हुई हैं। सिर्फ आरपीएफ और जीआरपी की टीमें डयूटी पर थीं। इस सन्नाटा को देखकर अधिकारी और कर्मचारी भी सकून में हैं। इसके बाद सीएमआई संजीव दुबे ने जंक्शन को लॉकडाउन करा दिया। जंक्शन के मेनगेट पर भी ताला डलवा दिया। अधिकारियों का कहना है, जो एक-दो लंबी दूरी की गाड़ियां थीं। वही निकाली गई, जो आज अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगी। इसके बाद 31 मार्च तक एक भी मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर गाड़ी नहीं चलेगी।
पूछताछ केंद्र पर ताला
जंक्शन के जिस पूछताछ केंद्र पर 24 घंटे भीड़ रहती थी। चार कर्मचारियों की डयूटी रहती थी। रेल यात्री अटेंशन की आवाज सुनाई देती थी। अब तो वहां एक दम कोई आवाज ही नहीं आ रही है। जो प्लेटफार्म यात्रियों से भरे दिखते थे। वे सभी सूने हैं। सिर्फ एक-दो वेंडर और रेल कर्मचारी हैं। कुछ दो-चार भूले भटके यात्री थे। पूछताछ केंद्र,पार्सलघर, टिकट आरक्षण बिल्डिंग मर ताला लगवा दिया गया। एसएस और सीआईटी आफिस खुला भी बंद करा दिए। स्टेशन मास्टर आफिस में कर्मचारियों की डयूटी थी। क्योंकि मालगाड़ियों का संचालन किया जा रहा है।
सूने टिकट काउंटर
जिस टिकट आरक्षण बिल्डिंग में पैर रखने की जगह नहीं रहती है। सोमवार को वहां बेंच सूनी थीं। पूरे हाल में सन्नाटा पसरा था। टिकट विंडो बंद थी। आफिस के अंदर एक-दो कर्मचारी मौजूद थे। वह भी टिकट रिफंड का लेखा जोखा बनाने में लगे थे। क्योंकि, कोरोना वायरस के चलते जंक्शन से प्रतिदिन दो से तीन लाख रुपए के टिकट वापस हो रहे हैं। वैसे 60 से 70 टिकट रिफंड किए जाते थे। अब तो यहां 200 से 300 टिकट रिफंड हो रहे हैं। 31 मार्च तक के करीब 12000 टिकट रिफंड किए जाएंगे।
सर्कुलेटिंग एरिया में एक-दुक्का ऑटो आए नजर
जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया भी पूरा खाली पड़ा है। एक-दो ऑटो नजर आ रहे थे। 3000 हजार वर्ग मीटर में फैला सर्कुलेटिंग एरिया पूरा तरह से खाली था। जबकि यहां सैकड़ों की संख्या में ऑटो खड़े होते हैं। यहां ऑटो खड़े करने को लेकर भी झगड़े होते हैं। आसपास के इलाके में फूड स्टॉल-ठेली लगती थीं। हनुमान मंदिर तक जाम की स्थिति रहती है। सोमवार को यहां पूरा इलाका खाली था।।

– बरेली से कपिल यादव

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