बरेली। डीएम अविनाश सिंह ने लीलौर झील को धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए गठित टास्कफोर्स के अधिकारियों के साथ सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि गंदा पानी झील में न जाने पाए और गंदे पानी की निकासी के लिए नाले को ठीक कराएं। इसके साथ ही ग्रामीणों को भी झील के किनारे साफ-सफाई रखने को जागरूक करें। डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश के तहत आंवला के रामनगर स्थित लीलौर झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए अधिकारियों की कमेटी गठित की है। उन्होंने कहा कि पांडव और यक्ष संवाद की साक्षी महाभारत कालीन लीलौर झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं। यहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी भी आते हैं, जो इसके आकर्षण को बढ़ाते हैं। उन्होंने एसडीएम आंवला को निर्देश दिये कि झील के पुनरुद्धार के लिए जो भी कार्य मनरेगा से कराया जाना है, उसका स्टीमेट तैयार कराएं। सड़कें सही कराएं। जहां इंटरलॉकिंग टूट गई है, उसे सही कराएं। संबंधित गांवों के प्रधानों को निर्देश दें कि क्षेत्र के आसपास साफ सफाई के लिए लोगों को जागरूक करें। उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिये कि हमारा यही प्रयास है कि इसे पौराणिक स्थल के रूप में बनाया जाए। विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि झील में ट्यूबवेल लगाने के लिए उचित स्थान का चयन कर लें। वन विभाग से कहा कि झील के किनारे पेड़ पौधे आदि लगाकर उसका सौंदर्य बढ़ाएं। जो भी कार्य करें, उसकी गुणवत्ता उचित रखें। सीडीओ देवयानी, एडीएम प्रशासन पूर्णिमा सिंह, एसडीएम आंवला नहने राम आदि अधिकारी उपस्थित रहे।।
बरेली से कपिल यादव