बाड़मेर/राजस्थान- राज्य सूचना आयोग ने आम अवाम को सूचनाएं उपलब्ध कराने में जानबूझकर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध फिर सख़्ती दिखाई है। सूचना आयोग ने तीन अलग अलग मामलो में तीन अधिकारियो पर पांच पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने निर्देश दिया है कि आदेश की प्रति जानबूझकर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियो के वरिष्ठ अधिकारियो को भी भेजी जाये।
आयोग के सम्मुख निम्बाहेड़ा के दीपक लढा ने चितोड़गढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक के खिलाफ अपील दायर कर शिकायत की है कि वे दो सरकारी स्कूलों में पोषाहार के बारे में सूचना मांग रहे थे। लेकिन विभाग के अधीकारी ने उनकी अर्जी को कोई महत्व नहीं दिया।इस पर राज्य सूचना आयोग ने अधिकारी से सफाई मांगी और इस कोताही का सबब पूछा। लेकिन अधिकारी ने न तो कोई जवाब पेश किया और न ही खुद हाजिर हुए। इस पर सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने नाराजगी जाहिर की और जिला शिक्षा अधिकारी पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। आयोग ने अपने इस आदेश की प्रति विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजने का भी निर्देश दिया है।
इस मामले में लढा ने कोई एक साल पहले सूचना अधिकार के तहत आवेदन दाखिल कर दो सरकारी स्कूलों में पोषाहार के मामले में कथित गड़बड़ी के बारे में जानकारी मांगी थी l आयोग ने अपने आदेश की प्रति शिक्षा निदेशक को भेजने का आदेश दिया है।सूचना आयुक्त बारेठ ने जिला शिक्षा अधिकारी को पद्रह दिन में लढा को सूचना मुहैया करने का निर्देश दिया है।
सूचना आयोग ने डूंगरपुर जिले में सीमलवाड़ा में जलग्रहण विभाग के अधिशाषी अभियंता पर भी पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। इस मामले में स्थानीय नागरिक कर्णवीर सिंह ने पंचायत समिति क्षेत्र में जल संरक्षण बाबत जानकारी के लिए आवेदन दिया था। पर इसमें दो साल लग गए। आयोग ने अधिकारी को अपना पक्ष रखने के लिए तीन अवसर दिए। पर वे न तो उपस्थित हुए और न ही कोई जवाब दिया। इस पर सूचना आयुक्त बारेठ ने उनके विरुद्ध शास्ति की कार्यवाही करने का निर्देश दिया। आयोग ने अपने आदेश की प्रति भू जल विभाग के मुख्य अभियन्ता को भेजने का आदेश दिया है।
राज्य सूचना आयोग ने हनुमानगढ़ जिले में उत्तमसिंहवाला के ग्रामं विकास अधिकारी के विरुद्ध भी पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है, आयोग ने विकास अधिकारी को पंद्रह दिन में सूचना मांग रहे स्थानीय नागरिक अशोक कुमार को सूचना उपलब्ध कराने का आदेश दिया है l आवेदक पंचायत से गांव में हुए निर्माण कार्यो की जानकारी मांग रहे थे परन्तु ग्राम विकास अधिकारी ने लम्बे समय तक उनके आवेदन को अनदेखा किया। आयोग ने अपने आदेश की प्रति जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजने का निर्देश दिया है। साथ ही जुर्माने की राशि उनकी तनख्वाह से काटने का निर्देश दिया है।
– राजस्थान से राजूचारण