बरेली। शहर मे रविवार देर रात से सोमवार दोपहर तक लगातार हुई झमाझम बारिश ने जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। नगर निगम के जलभराव के दावे पानी में डूब गए। निचले इलाकों में सड़कें दोपहर तक पानी में डूबी रही। हजियापुर, मुंशीनगर, सुभाषनगर सहित कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया। हरुनगला में नाले के साथ सड़क भी बह गई। शहर के निचले इलाकों में दोपहर तक पानी कम हुआ। इसके बाद लोगों ने आना जाना शुरू किया। हजारों लोग परेशान रहे। बारिश से हजियापुर, सिकलापुर, सुभाषनगर, दुर्गा नगर, पुराना शहर, मढ़ीनाथ, राजेंद्र नगर झूलेलाल द्वार, संजय नगर श्मशान भूमि के पीछे, डीडीपुरम आदर्श रोड में जलभराव हो गया। इस तरह के तमाम इलाकों में दिक्कत देखने को मिली। बारिश का असर सिर्फ सड़कों तक ही सीमित नहीं रहा, पशुपति नाथ मंदिर रोड, महीनाथ स्थित शिव मंदिर समेत अन्य धार्मिक स्थलों में भी बारिश का पानी घुस गया। मढ़ीनाथ, नेकपुर, गणेशनगर में सड़कों का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर गया जिससे लोग बाल्टी और अन्य बर्तनों से पानी निकालते नजर आए। पशुपति नाथ मंदिर रोड पर इतना पानी भर गया कि कार निकालना तक मुश्किल हो गया। सूचना पर नगर निगम की टीम पानी खींचने के लिए पंपिंग सेट लेकर पहुंची। वहीं मुंशीनगर में लाल शिव मंदिर के पास उप डाकघर के सामने आरसीसी सड़क जलभराव में दोपहर तक डूबी रही। मुंशीनगर में सैकड़ों घर बने हैं लेकिन पानी की निकासी के कोई इंतजाम नहीं हैं। कई साल पहले नाला बनाया लेकिन अधूरा बना है। उप डाकघर के पास रामायण वाटिका कालोनी में तीन सड़कें क्षतिग्रस्त हैं, उन पर जलभराव होने से घरों में पानी घुस गया। किसी तरह लोगों ने सामान सुरक्षित किया। बारिश से सबसे ज्यादा दिक्कत हरूनगला में हुई। यहां नाले की एक तरफ की बाउंड्री बारिश में बह गई जिसके चलते सड़क भी नाले में बह गई। इसकी वजह से आवागमन भी प्रभावित हो गया। मकान के नीचे मलबा भी बह गया। सूचना पर पहुंची नगर निगम की टीम ने नाले का मलबा हटाया जिसके बाद आवागमन सुचारू हो सका। हालांकि स्थानीय लोगों ने बताया कि पूर्व में कई बार निगम को नाले की मरम्मत कराने को पत्र भी दिया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।।
बरेली से कपिल यादव