बरेली। रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज व अस्पताल ने आईवीएफ के जरिये शादी के आठ साल बाद एक महिला की गोद भर दी। जबकि एक बच्चे की आस में कई जगह इलाज भी कराया लेकिन कोई नतीजा नही निकला। इसके बाद पति-पत्नी ने रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज में आईवीएफ तकनीक से इलाज कराया और सफल ऑपरेशन के बाद महिला ने बच्ची को जन्म दिया। वही बेटी को जन्म देने के बाद दंपति काफी खुश है। मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के बड़ा बाजार निवासी राकेश सक्सेना की आठ साल पहले प्रीति से शादी हुई थी। लेकिन तब से वह बच्चे के लिए तरस रहे थे। कई जगह इलाज भी कराया लेकिन नतीजा कुछ भी नही निकला। जिससे राकेश और प्रीति दोनों ही बच्चे की आस छोड़ चुके थे। एक साल पहले उन्हे पता चला कि रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज में आईवीएफ पद्धति से इलाज कर बच्चे का जन्म हो सकता है। जिसके बाद दोनों ने यहां पर 10 अक्टूबर 2022 को डॉ. योगिता आनन्द से अपना इलाज शुरू कराया। जिन्होंने आईवीएफ की सफल पद्धति से प्रीति को कंसीव कराया और प्रीति ने 21 जून को एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया। वही आठ साल बाद बच्ची पाकर दोनों बहुत खुश है और उनके परिवार में खुशी का माहौल है। इसलिए उन्होंने बच्ची को ‘श्री’ नाम दिया है। रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज मे आईवीएफ तकनीक से बच्चे के जन्म का पहला केस है। वही बच्ची के जन्म से एक मां की सूनी गोद भर गई और दोनों पति-पत्नी रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज का शुक्रिया अदा करते नही थक रहे है। इस सफल आईवीएफ मे बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की उप कुलाधिपति व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. लता अग्रवाल, डायग्नोसिस्ट डॉ. वशिष्ठ, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. योगिता आनंद और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पर्णिका अग्रवाल के साथ ही डायग्नोसिस विभाग के सभी डॉक्टरों और स्टाफ का सहयोग रहा।।
बरेली से कपिल यादव