आजमगढ़- रोडवेज चालक-परिचालक और कर्मचारियों की दबंगई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पहले वे सिर्फ आम आदमी से मारपीट विवाद और अवैध वसूली करते थे लेकिन अब तो पुलिस के साथ भी दबंगई करने लगे हैं। कारण कि पुलिस के सख्त होने से निजी बसें तिराहे तक नहीं आ पा रही है और चालक और कर्मचारियों की अवैध कमाई पर अंकुश लग गया है। इसलिए वे संगठन के नाम पर पुलिस पर भी धौस जमा रहे हैं। जबकि आलाधिकारी मामले में लीपापोती करने में जुटे हैं। बता दें कि रोडवेज में भ्रष्टाचार और दबंगई कोई नई बात नहीं है। अवैध वसूली के लिए ये हमेशा नियम को ताक पर रखकर काम करते हैं। चालक और परिचालकों ने रोडवेज तिराहे को रोडवेज बना दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है की वैसा इसलिए होता है कि वे तिराहे पर जाम कर प्राइवेट वाहनों में सवारी बैठाकर मोटा कमीशन ले सकें। दूसरे रोडवेज के ज्यादातर चालक परिचालक सत्तर से अस्सी प्रतिशत सामानों का बिल ही नहीं काटते। अगर ये सामन को अंदर लेकर जायेगे तो सीसीटीवी की जद में आ जायेंगे। इसलिए तिराहे पर ही अवैध ढंग से माल उतारते और लादते हैं। जाम के चलते आम आदमी परेशान होता है और जब वह विरोध करता है तो ये मारपीट करते हैं और संगठन से दबाव बनवाकर पुलिस को पीड़ित के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बनाते हैं। हाल में हिंद सेवा दल निषाद सेना के अध्यक्ष राम किशुन निषाद ने रोडवेज प्रशासन की मनमानियां के खिलाफ आंदोलन और सीएम तथा मंत्री की शव यात्रा निकालने की चेतावनी दी तो रोडवेज प्रशासन पर भले ही असर न हुआ हो लेकिन प्रशासन ने ममाले को गंभीरता से लिया और व्यवस्था में सुधार का निर्देश दिया। तीन दिन से रूट को वन-वे कर दिया तो अवैध कमाई कम होने से रोडवेज के चालक और परिचालक बौखला गए हैं और पुलिस को ही निशाना बनाने लगे हैं। बताते हैं कि गुरूवार की शाम रोडवेज चौकी की पुलिस रोडवेज तिराहे पर यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए बसों को वन-वे रूट के निमय का पालन करने का सुझाव दे रही थी। कारण कि तिराहे पर आधा दर्जन बसें आड़े तिरछे खड़ी थी जिसके कारण भारी जाम लगा हुआ था। पुलिस ने जाम खोलवाने का प्रयास किया तो चालक और परिचालक पुलिस से उलझ गए। इस दौरान दर्जनों चालक और संगठन के लोग मौके पर पहुंचकर हगांमा शुरू कर दिये। किसी तरह मामला शांत हुआ। अब चालक संगठन के दम पर जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाकर पुलिस को ही गलत साबित करने की कोशिश कर रहे है। वहीं घटना के दौरान मौके पर मौजूद सर्वेश जायसवाल, संतोष गुप्ता, नायब यादव, अखिलेश आदि का कहना है कि रोडवेज के चालक और परिचालक जिस तरह आम आदमी से गुंडई करते हैं वैसी ही हरकत पुलिस के साथ की।
इस मामले में रोडवेज के आरएम पीके तिवारी का कहना है कि वन-वे रूट व्यवस्था लागू की गयी है लेकिन कुछ बाहरी चालक है जो जबरदस्ती नियम को तोड़ रहे हैं लेकिन वे क्या कर सकते हैं। जबतक बसें रोडवेज में नहीं खड़ी होती है तब तक इस तरह की समस्या होती रहेगी। हमने व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस से भी मदद मांगी है। बवाली मोड़ पर हुए विवाद को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि किसी पुलिस से नहीं बल्कि सिविलियन से विवाद हुआ था।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़