बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। रेलवे विभाग ने रेलवे ट्रैक से मिट्टी निकालने व स्लीपर बदलने का कार्य शनिवार से शुरू कर दिया है। रेलवे लाइन पर 4 दिनों तक ओवरहालिंग कार्य चलेगा। काम के दौरान भिटौरा का रेलवे फाटक बंद रहेगा। रेलवे के सेक्शन इंजीनियर हरप्रीत सिंह ने बताया कि अग्रास शाही मार्ग पर रेलवे फाटक नंबर 371बी पर शनिवार से स्लीपर बदलने के साथ-साथ ओवरहालिंग का कार्य शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि रेलवे फाटक की अप व डाउन लाइन पर स्लीपर बदली जाएगी। ओवरहालिंग का यह कार्य 23 दिसम्बर की शाम तक चलेगा। इस दौरान पूर्ण रूप से शाही अग्रास मार्ग का रेलवे फाटक बंद रहेगा। इससे शाही तथा अग्रास से आने वाले ट्रैफिक को कुरतरा से होते हुए सतुइया खास के पास बने गेट नंबर 372 तथा औंध के रेलवे क्रॉसिंग गेट नंबर 373 से संचालित किया गया। इसके अलावा कार ट्रक अग्रास मोड़ से एएनए होते हुए शंखा पुल पर निकलकर बरेली व फतेहगंज पश्चिमी की ओर आ जा रहे है। रेलवे फाटक बंद होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। पुलिस की ड्यूटी न लगने के कारण लोग रेलवे फाटक के निकट से जान की परवाह किए बगैर रेलवे लाइन क्रॉस कर निकलते रहे। ट्रैक से मिट्टी निकालने के लिए स्पेशल बीसीएम मशीन चलाई जा रही है। ट्रैक पर पड़े पत्थरों की मशीन से सफाई की जा रही है। इससे मिट्टी अलग होकर ट्रैक से दूर गिरती है। इसके बाद साफ पत्थरों को (डब्ल्यूएसएम) मशीन से ट्रैक के नीचे पैक किया जा रहा है। रेलवे विभाग द्वारा रेलवे लाइन ट्रेक भिटौरा से सतुईया खास तक मिट्टी निकालने का कार्य किया जाएगा। ट्रैक से मिट्टी निकालने की शुरुआत भिटौरा रेलवे फाटक से की गई है। मशीनें चलाकर ट्रैक पर सफाई की जा रही है। इसी के साथ 80 मजदूरों की मदद मिट्टी निकालने के लिए ली जा रही है। ट्रैक पर पर बरसात के बाद ट्रैक पर पत्थरों में मिट्टी जम जाती है। जो स्लीपर के नीचे ठोस जमीन का रूप ले लेती है। जो रेल संचालन के लिए ठीक नहीं रहता है। ऐसे में ट्रैक पर पत्थरों की सफाई की जाती है। मिट्टी और धूल को बाहर निकाल दिया जाता है। बीसीएम मशीन से पत्थर से मिट्टी साफ की जाती है। मशीन पत्थरों से धूल-मिट्टी अलग निकलकर ट्रैक से दूर फेंक देती है। जो साफ पत्थर होते हैं उनको फिर से ट्रैक में (डब्ल्यूएसएम) मशीन से दबाया जा रहा है।।
बरेली से कपिल यादव