बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. मुरलीधर तिवारी का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया है। वर्ष 1995 में डॉ. तिवार रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति रहे थे। विश्वविद्यालय के ढांचागत विकास का श्रेय उन्हें ही जाता है। उनके निधन पर कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह समेत सभी प्रोफेसर और स्टॉफ ने शोक व्यक्त किया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र रहे डॉ. तिवारी ने उत्तराखंड के गढ़वाल विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उच्च शिक्षा क्षेत्र मे कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी। वर्ष 1995 में उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में बतौर कुलपति कार्यभार संभाला था। तकनीकी और व्यसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कैंपस में इंजीनियरिंग, एमबीए, होटल मैनेजमेंट, एमएसडब्ल्यू, एप्लाइड आदि कोर्सेज शुरू कराए थे। एक तरह से उन्हें रुहेलखंड विश्वविद्यालय के विकास की बुनियाद रखने वालों के तौर पर जाना जाता है। वह भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद की स्थापना की असैा करीब15 वर्षों तक, इसके निदेशक रहे। प्रोफेसरों के मुताबिक, उनके प्रयासों के कारण ही ट्रिपल आईटी इलाहाबाद देश के अंग्रेजी शिक्षण संस्थानों में शुमार हो सका। डॉ. तिवारी मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के कुलपति भी हरे है। उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष में रूप में भी सेवाएं दी। मंगलवार को जैसे ही उनके निधन की खबर विश्वविद्यालय पहुंचे। पूर्व कुलपति के साथ काम कर चुके प्रोफ्रेसर, स्टॉफ और अन्य अकादमिक स्टॉफ ने उन्हें आदरपूर्वक याद करते श्रद्धांजलि दी।।
बरेली से कपिल यादव