रिश्वत न देने पर जमीन जाने का डर दिखा रहा था चकबंदी अधिकारी के पेशकार, भेजे जेल

बरेली। चकबंदी अधिकारी के पेशकार अभय सक्सेना व सुधा अग्रवाल को जमीन जाने का डर दिखाकर 50 हजार की रिश्वत मांग रहे थे। मंगलवार को सुधा की शिकायत पर एंटी करप्शन की टीम ने अभय सक्सेना को पहली किश्त 10 हजार की लेते रंगे हाथों पकड़ा था। इज्जतनगर थाने मे एंटी करप्शन की ओर से भ्रष्टाचार अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया गया। बुधवार को इज्जतनगर पुलिस ने जेल भेज दिया। थाना किला क्षेत्र निवासी सुधा अग्रवाल ने एंटी करप्शन के सीओ यशपाल सिंह ने चंकबंदी अधिकारी के पेशकार अभय सक्सेना की शिकायत की थी। सुधा अग्रवाल ने बताया कि उनकी भूमि मोहनपुर में गाटा संख्या -111 पर दर्ज है, जिसका चकबंदी संबंधी पर्चा 45 उन्हें मिल चुका है। चकबंदी विभाग से कागजी प्रक्रिया पूरी न होने के चलते खतौनी में उनका नाम दर्ज नही हुआ। इसके चलते सुधा अग्रवाल और उनके मैनेजर पीलीभीत के बरखेड़ा निवासी सुनील कुमार लंबे समय से खतौनी मे नाम दर्ज कराने को चकबंदी अधिकारी अनुराग दीक्षित के पेशकार कर्मचारी नगर में 68-ऑफीसर्स एन्क्लेव के मूल निवासी एवं गुलाबनगर के हाल निवासी अभय सक्सेना से संपर्क किया। खतौनी मे नाम दर्ज करने के नाम पर सुधा से 50 हजार रुपये मांगे गए। अभय सक्सेना से रुपये कम करने को कहा कि तो उन्होंने मना कर दिया। कहा कि अगर पैसे नही दोगी तो जमीन तुम्हारे नाम नही आएगी। जमीन भी हाथ से निकल जाएगी। परेशान होकर मामले की शिकायत एंटी करप्शन विभाग में की गई। मंगलवार की सुबह डीएम रविंद्र कुमार को सूचना देकर दो सरकारी गवाह की मांग की गई। गवाह मिलने के बाद सुनील कुमार ने पहली किश्त के तौर पर पेशकार अभय सक्सेना को उनके कार्यालय में ही 10 हजार रुपये की रिश्वत दी। तभी एंटी करप्शन की टीम अभय सक्सेना को पकड़ लिया। इज्जतनगर थाने मे मुकदमा दर्ज कराया गया। बुधवार को पुलिस ने अभय सक्सेना को जेल भेज दिया गया।।

बरेली से कपिल यादव

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