बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के रिटायर्ड वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट कर 1.29 करोड़ रुपये की ठगी के मामले मे साइबर क्राइम थाना पुलिस को दूसरी सफलता मिल गई। टीम ने मिर्जापुर मे दबिश देकर स्नातक छात्र दीपू पांडेय और फैक्टरी शुभम यादव को गिरफ्तार कर लिया। टीम दोनों को बरेली ले आई। इन्हें शुक्रवार को कोर्ट मे पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया। पुलिस अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। चार आरोपियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। पुलिस के अनुसार आरोपी दीपू पांडेय और शुभम यादव उसी गिरोह के सदस्य है। जिसने रिटायर्ड वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की थी। दोनों आरोपी विभिन्न खाताधारकों की सहमति से कमीशन पर उनका बैंक खाता लेते है। इनके गिरोह के अन्य सदस्य, डिजिटल अरेस्ट किए गए व्यक्ति का पैसा इन अकाउंट मे ट्रांसफर कराते है। इसके बाद अलग-अलग बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर कराकर अंत पूरी धनराशि को क्रिप्टोकरेंसी मे बदलकर अपने गिरोह के सदस्यों के क्रिप्टो वॉलेट में भेज देते है। दोनों आरोपियों ने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर पीड़ित वैज्ञानिक को वीडियो कॉल कर खुद को पुलिस या सीबीआई अधिकारी बताकर उनको डराया धमकाया। पीड़ित को ह्यूमन ट्रैफिकिंग व जॉब फ्रॉड कर अवैध धनराशि खाते में ट्रांसफर कराने का आरोप लगाकर डराया। उन्हें गिरफ्तारी का भय दिखाकर ऑडिट के नाम पर 1.29 करोड़ रुपये आरटीजीएस के माध्यम से तीन बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए। उक्त धनराशि को साइबर ठगों ने उसी दिन 125 भिन्न-भिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कराकर अंत में संपूर्ण धनराशि को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर अपने गिरोह के सदस्यों के क्रिप्टो वॉलेट में भेज दिया गया है। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी अंतरराज्यीय गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। गिरोह के सदस्य दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में फैले हुए है।।
बरेली से कपिल यादव