राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर उपजा ने की संगोष्ठी

रायबरेली- नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स(इण्डिया) से सम्बद्ध यू०पी०जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने प्रेस दिवस पर “लोकतंत्र में प्रेस की भूमिका एवं समस्याएं” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की। जिसमे अनेक वरिष्ठ पत्रकारों एवं महानुभावों ने विचार व्यक्त किये।

आनन्द टाइम्स सभागार में आयोजित संगोष्ठी में सहायक सूचना निदेशक प्रमोद कुमार ने कहा कि जनहित,समाज हित,तथा विकास के लिए प्रेस की उपयोगिता बढ़ी है।उन्होंने कहा कि मीडिया समाज का दर्पण व दीपक है। मीडिया को निष्पक्षता के साथ देश व समाज के लिए रचनात्मक सहयोग करना चाहिए।

उन्होंने प्रेस की सुरक्षा,स्वतन्त्रता एवं जिम्मेदारियों पर ध्यान देने पर बल दिया।समाज सेवी एवं व्यापारी नेता आशीष द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारो को सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप बिना भय व दबाव वास्तविक तथ्यों को सामने लाना चाहिए।

पूर्व प्रधानाचार्य एस एन सोनी ने कहा कि पत्रकार अपने घर परिवार की चिंता के साथ-साथ राजनेताओ,अराजक तत्वों, सरकारी तंत्र से घिरा होने के बाद भी जनहित में जुटा रहता है।वरिष्ठ अधिवक्ता मिलिन्द द्विवेदी ने पत्रकारिता को व्यवसायिक नही अपितु मिशन होने पर जोर दिया।

वरिष्ठ पत्रकार अनुज द्विवेदी ने न्यूज में व्यूज देने से परहेज़ करने को कहा।इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के रोहित मिश्र ने कहा कि पत्रकार यदि पत्रकारिता धर्म का पालन करे तभी सार्थकता है।

“उपजा” के प्रदेश उपाध्यक्ष राधेश्याम लाल कर्ण ने कहा कि पत्रकारिता में वर्तमान में अनेक समस्याएं आड़े आ रही है। मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश के ध्यानाकर्षित करते हुए कहा कि पत्रकारों के मामलों के निस्तारण हेतु स्वतंत्र जाँच एजेंसी गठित करनी चाहिए ताकि पत्रकारो का हित सुरक्षित रह सके।

उन्होंने कहा कि सरकार और समाज पत्रकारो दे अपेक्षा करता है। लेकिन पत्रकारो की मूल समस्याओं की ओर सरकार ध्यान नही देती है।

पूर्व में मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया था। लेकिन पत्रकारो की सुरक्षा,आवासीय व्यवस्था, ,मानदेय व पेंशन पर कोई निर्णय नही लिया गया। उन्होंने यथाशीघ्र फैसला लेने का आग्रह किया।

उन्होंने बताया कि अधिकांश राज्यो में सरकारें 15 हजार ₹ प्रतिमाह पेंशन पत्रकारो को दे रही है। उत्तर प्रदेश सरकार को अन्य मांगों के साथ इसे भी शीघ्र लागू करना चाहिए।

अपने अध्यक्षयीय संबोधन में ‘सेवाभारती’ के प्रमुख विनोद वाजपेयी ने कहा लोकतंत्र के प्रमुख स्तम्भो न्यायपालिका,
कार्यपालिका,व्यवस्थापिका तथा प्रेस को रचनात्मक एवँ विकासोन्मुखी होना चाहिए।

पत्रकार सुभाष चन्द्र पाण्डेय,शीतलादिन सिंह,आर०के०शर्मा,रघुवीर सिंह छावड़ा,ए०के०द्विवेदी आदि ने संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम का संचालन उपजा रायबरेली जिलाध्यक्ष राधेश्याम कर्ण ने आभार अनुज अवस्थी ने ज्ञापित किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में आनन्द कर्ण, संतलाल,बबलू सिंह, सारिका शुक्ला,संजय सिंह,आकाश आनन्द का विशेष योगदान रहा।

संगोष्ठी में रामनरेश गौर,धीरज श्रीवास्तव, गुरजीत सिंह तनेजा,त्रिलोचन सिंह नरूला,जसविंदर गांधी,प्रियंका कक्कड़,सारिका शुक्ल,राघुवीर छावड़ा,मोनू बग्गा,बालकिशोर त्रिपाठी,रवि मिश्रा,चंद्र सेन भारती, सुरेश कुमार पांडेय,राज सिंघानिया,रमेश श्रीवास्तव, हेमंत गुप्ता, रत्नेश आदि पत्रकारगण तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ पत्रकार एवं कवि संतलाल द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से किया गया। कार्यक्रम की सफलता के लिए NUJI के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक मालिक, राष्ट्रीय महामन्त्री श्री सुरेश शर्मा ने शुभकामनाये प्रेषित की थी।

– सुनील चौधरी सहारनपुर

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