रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से बरेली के 330 गांवों पर मंडराया बाढ़ का संकट, हेल्पलाइन नंबर जारी

बरेली। जनपद मे बारिश के बाद अब बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। रामगंगा नदी का जलस्तर 160.2 मीटर पहुंच गया है, जोकि खतरे के निशान से महज 1.8 मीटर नीचे है। इससे जिले के 330 गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पहाड़ और मैदानी इलाकों में हो रही लगातार बारिश से रामगंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर है। यहां पर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। रामगंगा का जलस्तर 160 के पार पहुंचने से तट से सटे इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। रामगंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला आपदा अधिकारी ने अलर्ट जारी कर दिया है और चौकसी बढ़ाने के लिए 50 बाढ़ चौकियों को क्रियाशील कर दिया गया है। बाढ़ खंड के अनुसार रामगंगा नदी से 174, देवहा से 10, बहगुल से 21, किच्छा से 25, पनघैली से तीन, अप्सरा से चार, कैलाश से चार, पश्चिमी बहगुल से 47, भाखड़ा से 17, कुल्ली से 15, सिंघईया से चार, पीलाखार से पांच, धौरा से तीन राजस्व ग्राम बीते वर्ष प्रभावित हुए थे। 2010 और 2012 में रामगंगा में बढ़े जलस्तर ने जमकर तबाही मचाई थी। फरीदपुर, आंवला और मीरगंज तहसील के कई गांवों में स्थिति काफी डरावनी हो गई थी। शहर में भी रामगंगा का पानी घुस गया था। बदायूं की ओर जाने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ी थी। अब भारी बारिश ने पूरे देश में तबाही मचा रखी है। इसका असर बरेली में देखने को मिल रहा है। रामगंगा समेत सभी नदियां उफनाने लगी है। सदर तहसील के 73 संवेदनशील और 13 अतिसंवेदनशील, बहेड़ी के 76 संवेदनशील और 14 अतिसंवेदनशील, आंवला के आठ संवेदनशील, नवाबगंज के 46 संवेदनशील और 16 अतिसंवेदनशील, फरीदपुर के 54 संवेदनशील और 27 अतिसंवेदनशील, मीरगंज के 115 संवेदनशील और 22 अतिसंवेदनशील गांवों में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। इनमें कुछ गांवों में रामगंगा समेत अन्य नदियों का पानी घुसने लगा है। जिला प्रशासन ने कंट्रोल रूम बनाया है। जिसमें हेल्पलाइन नंबर 0581-2428188 व 0581-2422202 पर फोन कर बाढ़ की सूचना दे सकते हैं। कंट्रोल रूम में आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में कर्मी हैं। ताकि दिन-रात कभी कोई समस्या आए तो मदद मिलेगी।।

बरेली से कपिल यादव

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