रातो को सिर्फ जाग कर न गुजारे बल्कि कसरत के साथ करें इबादत : कारी महमूद हबीबी

भदोही। शबे बरआत यानी गुनाहों से छुटकारे वाली रात। शअबानुल मोअज्जम का महीना बड़ा ही फजीलत वाला महीना है।उक्त बातें मोहल्ला गोरियाना स्थित नगीने वाली मस्जिद के पेश इमाम कारी गुलाम महमूद हबीबी ने जुमे से क़ब्ल नमाजियों से खेताब कर रहे थे कि शअबान का महीना वो महीना है जिसमे परवरदिगार शअबान की 15 वीं शब को आसमाने दुनिया पर नुजूल फरमाता है और अपने बंदों से कहता है कि है कोई जो मुझसे अपनी परेशानियों से निजात मांगे है कोई जो जहन्नम से छुटकारा पाए हैओ कोई जो अपने गुनाहों की माफी मांगे और मैं उसे माफ करूँ।अल्लाह इस रात को अपने गुनहगार बंदों की गुनाहों को माफ करता है अपने बंदों की परेशानियों को दूर कर देता है।श्री हबीबी ने कहा इस रात को अपने रब की बारगाह में अश्कबार हो कर अपने गुनाहों से तौबा करो अपने परेशानियों से छुटकारे के लिए दुआ करो रिज्क हलाल मांगो। कहा इस रात को सिर्फ जाग कर न गुजारो। कुरआन की तिलावत नमाजे नफिल अदा करो कब्रिस्तानों में जाओ उनके लिए दुआ करो। कब्रिस्तानों में जाना सुन्नते खैरुल अनाम स.है। औलिया-ए-कराम की बारगाह में जाओ फैज उठाओ। कसरत के सात इबादत करो और रब की बारगाह में रो-रो कर दुआ मांगो। अल्लाह रहीम है वो अपने बंदों की गुनाहों परेशानियों को दूर करता है। श्री हबीबी ने कहा मगफिरत वाली रात को इबादत कर अपने रब को राजी करो यही तुम्हारे लिए ज़रिय-ए-निजात होगी। इसी तरह शहर के तमाम मस्जिदों में नमाजे जुमा से पहले हुई तकरीर में शअबान की 15 वीं रात को परवरदिगार की बारगाह में हाजिर हो कर इबादत करने के लिए कहा गया और उस रात खुराफात से बचने और सिर्फ जाग कर रातो को गुजार देने से मना किया गया। वहीं शहर के तमाम आइम्मा मसाजिद ने मुल्क में भाई चारे और अमनो अमां के लिए दुआ की।
पत्रकार आफ़ताब अंसारी

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