राठ गांव की महिला ने तेंदुए को नीलगाय का शिकार करते देखा, वन विभाग ने किया इंकार

बरेली। थाना क्षेत्र शेरगढ़ के बुझिया गांव में भले ही आदमखोर तेंदुआ को पकड़कर बिजनौर के जंगल में छोड़ दिया गया है। अगर अभी भी वहां दूसरा तेंदुआ और उसका शावक देखे जाने से गांव में दहशत बनी हुई है। मगर वन विभाग इस बात को मानने को तैयार नहीं है। शुक्रवार की सुबह बुझिया गांव के पड़ोस के गांव राठ में तेंदुआ ने एक नीलगाय का शिकार किया। गांव की एक महिला ने अपनी आंखों से तेंदुआ को शिकार करते देखा। इतना ही नहीं वह पास के खेत में तेंदुआ का मल भी मिला है। शुक्रवार को तेंदुआ का शावक देखा गया। जिसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई है। गांव राठ के रहने वाले रामविलास ने बताया कि गांव की कुछ महिलाएं गांव के दक्षिण दिशा में खेत पर जानवरों के लिए चारा लेने गई थी। जहां उन्होंने गन्ने के खेत में तेंदुआ को नीलगाय का शिकार करते हुए देखा। महिलाएं डरकर गांव वापस आ गई और ग्रामीणों को इस बारे में जानकारी दी। ग्रामीण एकत्रित होकर गन्ने के खेत की तरफ गए तो खेत से किसी जानवर के धरने की आवाजें आ रही थी। इसलिए ग्रामीण खेत के अंदर नहीं घुसे डालने की आवाजें रात में भी आती रही। नहीं किसान धर्मपाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह लगभग साढे 8 बजे के करीब वह अपने धान के खेत में पलेवा कर रहे थे। तब उन्होंने अपने खेत में तेंदुए के पद चिन्ह और मल देखा सूचना पर गांव के कई लोग मौके पर पहुंचे। कुछ लोगों ने पद चिन्ह व मल की फोटो भी खींची। खेत मालिक धर्मपाल ने पद चिन्ह यह कहकर मिटा दिए कि जानकारी होने पर अधिकारी आएंगे। खेत में पलेवा करने से रोक दिया जाएगा। क्षेत्र में दूसरा तेंदुआ को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं के साथ ग्रामीण दहशत में आ गए हैं। किसान खेतों में जाने से डर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन पूर्व एक कुत्ता भी खेत में मरा मिला था। जिसका मांस किसी जानवर ने खाया था। कुत्ते को भी ग्रामीण तेंदुआ के द्वारा शिकार करना बता रहे हैं। वन विभाग के रेंजर रविंद्र सक्सेना ने बताया कि वन विभाग की टीम ग्रामीणों की सूचना पर भेजी गई है यदि तेंदुआ का ही मल और पद चिन्ह है तो वहां पर भी पिंजरा लगाया जाएगा।।

बरेली से कपिल यादव

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