राज्य सरकार की ओर नगर परिषद बाड़मेर से मांगा गया सीमा विस्तार प्रस्ताव आज हुआ पास

खबर का हुआ असर…..

*बाड़मेर: चार दशकों की सबसे बड़ी समस्या का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देगें सौगात : मेवा राम जैन

बाड़मेर /राजस्थान- बाड़मेर विधायक मेवा राम जैन ने बताया कि बाड़मेर शहरी सीमा के नजदीकी ग्राम पंचायतों को नगर परिषद की सीमा में शामिल करने और सभी लोगों ने नगर परिषद क्षेत्र का विस्तार करने की मांग की और राज्य सरकार द्वारा बाड़मेर नगर परिषद के लिए लगभग बीस नये वार्ड बनाने की तैयारियां चल रही है और जिला प्रशासन द्वारा भी सहयोगी रवैया अपनाकर इसके लिए रेवन्यू विभाग द्वारा तीन कमेटी बनाई गई थी ताकि सभी की बात को सुनकर, मौके पर मौजूद वास्तविकताओं को देखकर तीनों ही कमेटियों द्वारा रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेजेगे और वही से हरी झंडी का इन्तजार था लेकिन राज्य सरकार द्वारा नगर परिषद द्वारा प्रस्ताव पारित करने के साथ ही राज्य सरकार को भेजने की जानकारी मिलने पर आज नगर परिषद कार्यालय में सभी वार्ड पार्षदों सहित जिले में तैनात राजस्व अधिकारियों सहित सभी ने टेबल थपथपाई और शहर के विकास में अपना अमूल्य योगदान देने के साथ ही आज बजट सत्र के दौरान बाड़मेर जिले के लोगों की सबसे बड़ी समस्या को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सौगात देगें l

पिछले एक महिने से शहरी क्षेत्रों के आसपास बसें हुए हजारों लोगों ने आबादी क्षेत्र से जुडे हुए तीन चार ग्राम पंचायतों सहित और दानजी की होदी क्षेत्र की कृषि भूमि में बसे हुए सेकड़ों परिवारों की कोलानियों को नगर परिषद में शामिल कर राज्य सरकार द्वारा जारी मूलभूत सुविधाए उपलब्ध करानें की मांग कर रहे थे l
पटवारी हल्का बाड़मेर शहर के दानजी की होदी क्षेत्र में आई हुई मूल कृषि भूमि के खसरा नम्बर 1296 के, 3519/1296, 3520/1296 ओर पिछले साल ही नगर परिषद में शामिल किया गया कृषि भूमि खसरों में से खसरा नम्बर 3521/1296 को शामिल करने के साथ ही दो खबरों को छोड़ दिया गया था जिन्हें पूर्व में वरिष्ठ नगर नियोजक, नगर नियोजन विभाग जोधपुर द्वारा पत्र क्रमांक /जेडीजेड /1628/पीडब्लूआर/2034/दिनांक 02.11.2012 के तहत सम्पूर्ण रुप से आवासीय भूमि प्रयोजनार्थ आरक्षित किया गया था l

कृषि भूमि पर बसें हुए कालोनी निवासियों ने बताया कि वरिष्ठ नगर नियोजक द्वारा उपरोक्त कृषि भूमि के खसरों को आवासीय भूमि प्रयोजनाथ इसलिए आरक्षित किया गया था क्योकि इस क्षेत्र में तीन चार दशकों से सेकड़ों परिवार मकान बनाकर आवास करते आ रहे थे। इतना ही नहीं बाड़मेर शहर की मूल आबादी से जुड़ता हुआ यह क्षेत्र दानजी के हौदी और कलाकार कालोनी है जो पूर्ण रुप से स्थापित हो गया था। यथा विदासर,इन्द्रा कोलोनी, कलाकार कोलोनी, श्रीयादे नगर, कोजोणियों की ढाणी, उम्मेदसिंह की ढाणी, के नाम से विख्यात है। कई कोलोनियों में पिछले दो दशक से ग्रेवल संड़को , डामर सड़कों, नालियों का निर्माण, सभी क्षेत्रों में पानी की पाईप लाईने,बिजली कनैक्शन, सम्पूर्ण इलाके में रोड़ लाईटे नगर परिषद बाड़मेर द्वारा लगाईं जा चूकी थी। उक्त कोलोनियों की जमी खसरों के कृषि भूमि दर्ज है जो कृषि भूमि के खातेदारों द्वारा 1986 से नक्शा वगैरह बनाकर के लोगों को विक्रय कर अपने हिसाब से कालोनियां बसाई गई थी लेकिन नगर परिषद की सीमा के बाहर होने के कारण कालोनी निवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो रही थी।

कालोनी क्षेत्र के लोगों के अनुसार शहरी क्षेत्रों के आसपास अधिकतर इकरारनामों से भूमि बेच देने के बाद भी कई खातेदारों का जमाबंदी में नाम अंकित होने के बहाने वर्तमान में प्लाट खरीदकर आवास कर रहे,कहाँ कहाँ पर मोहल्ले वासियों को खातेदारों द्वारा झूठी कानूनी कार्यवाही के नाम पर अवैध वसूली के नाम पर परेशान कर रहे है ऐसे बोगस खातेदारों से निजात दिलाने का आग्रह पूर्वक निवेदन था।

कालोनी निवासियों ने बताया कि विगत अनेक वर्षो से बसी हुई उक्त कोलोनियों को नगर परिषद द्वारा रोड़ लाइट्स, नालियों और सडको,का निर्माण किया गया है और सैकड़ों परिवारों की पट्टे लेने की पत्रावलिया नगर परिषद में जमा है और न हीं यहां बसे लोगों के मकानों का नियमन हो पाया था l इन परिस्थतियों में राज्य सरकार द्वारा जन कल्याणकारी योजनाओं के रुप में जिला प्रशासन से अपेक्षा है कि उपरोक्त सभी कोलोनियों में बसे हुए लोगों का राजस्व कर्मचारियों यथा भू-अभिलेख निरक्षक, पटवारी, तहसीलदार द्वारा सम्पूर्ण सर्वे करवाया जावें तथा मौहलेवासियों के आवासों को नियमन योग्य घाषित किया जावें ताकि सम्बन्धित परिवारों द्वारा नगर परिषद से पटटे प्राप्त कर सकेंगे ।

बाड़मेर अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित ने बताया कि नगर परिषद शहरी आबादी के आसपास की पचायत से लोगों ने एक महिने पहले ज्ञापन सौंपा था और ज्ञापन के अनुसार दानजी की होदी क्षेत्र की कृषि भूमि के खसरों में लम्बे समय से आवास कर रहे समस्त आमजन को राहत दिलाने के लिए नियमन कर पटटे जारी करवाने तथा राज्य सरकार द्वारा जारी भूलभूत सुविधाए उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे थे ।

– राजस्थान से राजूचारण

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