राजस्थान/बाड़मेर- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहकर भी परिवहन विभाग का ढर्रा सुधार नहीं पा रहे हैं पिछले महीनों वाहन चालकों की समस्याओं को दूर करने के लिए परिवहन विभाग में चालान की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया था। परिवहन विभाग के अधिकारियों से इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी लेने पर बताया गया कि आठ घंटे की ड्यूटी के दौरान पोश मशीनों द्वारा लगभग तीन चार दर्जन चालान आनलाइन आसानी से बनाया जा सकता है। लेकिन विभाग के कर्मचारियों द्वारा इससे कम चालान बनाना समझ से परे है।
स्मरण रहे कि परिवहन विभाग ने एसबीआई बैंक से पांच सौ पोस मशीनें ली थी, जिससे सड़कों पर दोडने वाले वाहनों का चालान अब मैन्युअली भरने की जरूरत नहीं रहेगी और आनलाइन ही होगी। परिवहन विभाग के निरीक्षक अब पोस मशीन के जरिए सीधे ही ऑनलाइन चालान भर सकेंगे लेकिन नेटवर्क नहीं होने पर हमेशा की तरह काग़ज़ी चालान भी काटे जा सकतें हैं । सोमवार को होने वाली परिवहन आयुक्त की विडियो कान्फ्रेसिंग में ओर भी इस सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी होने की संभावनाएं दिखाई दे रही है।
हालांकि पोश मशीनें एसबीआई बैंक ने परिवहन विभाग को नि:शुल्क मुहैया करवाई हैं। इसके एवजी में मशीनों के जरिए प्राप्त होने वाली परिवहन विभाग की राशि बैंक के पास एक दिन तक रहेगी।
पिछले दिनों परिवहन मंत्री खाचरियावास ने बताया था कि इस कवायद से परिवहन निरीक्षकों को राहत मिलेगी, उनका काम आसान हो जाएगा और विभाग के कामकाज में पारदर्शिता भी आएगी। आजकल जगह जगह पर हों रही सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए आमजन को जागरूक होने और विभाग के अधिकारी कार्ययोजनाओं को बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए गए थे। मंत्री ने यह भी कहा था कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को अस्पताल तक पहुंचाना एक नैतिक जिम्मेदारी है, इसमें पुलिस या प्रशासन सम्बंधित व्यक्ति को कभी परेशान नहीं करता।
राजधानी में ट्रेफिक पुलिस की तरह अब परिवहन विभाग के निरीक्षक भी पोस मशीनों के जरिये सीधे वाहनों का चालान करेंगे। इसके लिए प्रदेश के पांच सौ परिवहन निरीक्षकों को विभाग द्वारा यह पोस मशीनें दी गई है।
जोधपुर परिवहन विभाग के अधिकारी राम नारायण बडगूजर ने बताया की संभाग में ऑनलाइन चालान के जरिये केश कलेक्शन में आसानी होगी. वहीं, साथ ही वाहनों से चालान में भी पारदर्शिता और समय की बचत होगी। लेकिन आजकल इनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट क्या है यह तो सोमवार को आफिस खोलने पर ही बता सकता हूं।
– राजस्थान से राजू चारण