वाराणसी – कई साल से उपेक्षा का दंश झेलने वाली ऐतिहासिक राजातालाब के रानीतालाब, भैरवतालाब, मोहनसराय तालाब, भीमचंडी तालाब आदि कार्तिक पूर्णिमा की शाम अपना दर्द भूल जाएंगी जब दीपों की माला उसके गले में चंद्रहार की तरह जगमगाएगी। आतिशबाजी की रंगत मानों आसमान छू जाएगी। तालाबों के घाटों पर दीपों की कालीन बिछ जाएगी। अपनी चटखीली रंगत से उत्सव प्रिय बनारस के दिल में उतर जाने वाला देव दीपावली महोत्सव अब होली- दीपावली की तरह छाने वाला है। पर्व में महज कुछ दिन शेष और इसकी गहरी व शोख रंगत हर एक को रिझाने लगी है।
एक पखवारे से इसकी तैयारियों में जुटे युवाओं की मेहनत का असर दिख जाएगा जो 22 नवंबर गुरुवार से शुरू होकर 23 नवंबर शुक्रवार को पूरे दिन और देर रात तक हाथ से हाथ जोड़े खड़ी रहेंगी। आयोजन से जुड़े नौजवान तो बस इतने से मगन हैं कि इसी बहाने लोगों ने पखवारे के भीतर दो बार दीपोत्सव मनाने का अवसर पाया।
कुंडों-तालाबों पर कब्जे के दौर में लोगों को कम से कम अपनी इन धरोहरों का ध्यान तो आया। घरों की दहलीजों पर लपलपाते दीपों में भी यही उत्साह नजर आएगा, बनारसी मन ठीक एक पखवारे बाद फिर दीपावली मनाएगा।
एक तरफ सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय लगातार तालबों, सरोवरों, कुंडों के संरक्षण के लिए आदेश दे रहा है। लेकिन शासन प्रशासन की ओर से इस दिशा में ठोस व कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे। नतीजतन जाने कितने तालाबों का वजूद ही खत्म हो गया है। तालाबों पर बड़ी-बड़ी अट्टालिकाएं खड़ी हो गई हैं। ऐसे में एक युवक ने ठाना है तालाबों को संरक्षित करने और उन्हें खूबसूरत बनाने का। ये युवक ग्रामीण क्षेत्र के तालाबों को अवैध कब्जा से मुक्त करने की लड़ाई लड़ रहा है कई सालों से। लेकिन अब उसे क्षेत्रीय हम उम्र साथियों का साथ मिल गया है। फिलहाल ये युवाओं की टीम राजातालाब क्षेत्र के तालाबो को साफ कर वहां भव्य तरीके से देव दीपावली मनाने की तैयारी में जुटे हैं।
इस युवक की पहल पर आराजी लाइन क्षेत्र के सभी तालाबों का जीर्णोद्धार करने के लिए संकल्प भी लिया गया है। इलाकाई युवक राजकुमार गुप्ता ने बताया कि सर्वोच्च व उच्च न्यायालय के आदेश के बाबजूद क्षेत्र के कई तालाबों पर स्थानीय लोगों (भूमाफिया) ने अवैध रूप से कब्जे कर रखा है। राजातालाब के राजस्व विभाग के कागजों में कई तालाब दर्ज है जिनमें से क्षेत्र के ग्राम पंचायतो को सिर्फ बचे हुए तालाबों के बारे में ही जानकारी हैं। ऐसे में हमने ठाना है इन तालाबों को कब्जे से मुक्त कराया जाए। उन्हें खूबसूरती प्रदान की जाए।
देव दीपावली पूजा समिति के संयोजक शिव कुमार राजभर, राम अवध पांडे ने बताया कि काशी के घाटों के तर्ज पर, काशी क्षेत्र के सांस्कृतिक, धार्मिक, समाजिक एवम् ऐतिहासिक धरोहर को उजागर करने हेतु समिति के द्वारा अनूठी प्रयास की जा रही है जिसे देव दीपावली का स्वरूप दिया गया है.
देव दीपावली उत्सव की खासियत है कि इसका आयोजन ग्रामीणों के सहयोग से होता है। पहले की तरह जन सहयोग से मिलने वाले सहयोग से ही आयोजन की तैयारी में जुटी हैं।
संरक्षक श्री अंबिका प्रसाद इंटर कॉलेज भैरव तालाब के प्रधानाचार्य सुदामा राम की मानें तो उत्सव को विस्तार दिए जाने से इस बार दो दिवसीय यानी 22 नवंबर गुरुवार से दीपदान की शुरुआत और 23 नवंबर शुक्रवार की रात समापन 21 हजार दीपकों का दीपदान किया जाएगा। तालाब के घाटों, सीढियों और मंदिरों में दीपदान के लिए कई टिन तेल, दीप-बत्ती ग्रामीणों व उद्यमियों के सहयोग से जुटाई जा रही है। लोक परंपरा के अनुरूप काशीवासी भी घर-घर देव दीपावली मनाएंगे तो गांव के कुंड-तालाबों पर भी दीपदान होगा।
इस देव-दीपावली में राजातालाब क्षेत्र के रानी तालाब, भैरव तालाब, मोहनसराय तालाब, भीम चंडी तालाब आदि मे हजारो लोगों की आने की संभावना व्यक्त की है. प्रचलित विभीषिका प्राकृतिक आपदा तथा किवदन्तियों को तोड़ने में समर्थ हो सके ऐसी संकल्प का प्रतिफल है देव दीपावली, हरपुर के पूर्व ग्राम प्रधान संतराज कुशवाहा, जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि योगिराज सिंह पटेल ने संयुक्त रूप से बताया।
इस आयोजन को सफल बनाने हेतु एक विशेष टीम में
सुदामा राम, संतराज कुशवाहा, राजकुमार गुप्ता, योगीराज सिंह पटेल, सत्यनारायण गुप्ता, शिवकुमार राजभर,
राम अवध पांडे, आशु पांडे , बाबू लाल उर्फ माइकल सोनकर, शिवम जायसवाल उर्फ दिव्यांशु,
शमसुद्दीन हाशमी, मुसड़ी हाशमी, साबिर हाशमी, इरफान रिजवान रोहित जायसवाल प्रदीप केशरी, अमित पांडे, छोटू, कल्लू, रविंद्र पांडे उर्फ मोनू अधिवक्ता, वीरेंद्र उपाध्याय, शिव कुमार गुप्ता, बृजेश, दीपक यादव, दया राम, राज नारायण गुप्ता, सुभाष यादव, गोविंद आदि के साथ बनाई गई है जो कार्यक्रम को सफल बनाने के पूरी तरह संकल्पित हैं।
रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय के साथ (राजकुमार गुप्ता) वाराणसी