लखनऊ- राजधानी के कठौता झील से एक नई तकनीक से बनाई जायेगी बिजली , प्रस्तावके अनुसार झील में “फ्लोटिंग सोलर पैनल” लगाया जायेगा, जिससे 60 करोड़ सालाना का बिजली बिल बचेगा। जानिए कैसे
ऐसे बचेगी बिजली-
सूत्रों के अनुसार, इस फ्लोटिंग सोलर पैनल को लगाने का खर्च मात्र 24 करोड़ है। जिसे सरकार 5 मेगावाट की बिजली बनायेगा जो अगले 25 वर्षो तक बिजली देगा और पैसा बचायेगा । कठौता झील और पास की दूसरी झील के एसटीपी पर प्रति वर्ष 60 करोड़ का बिजली बिल आता है। सोलर पैनल से बिजली मिलने पर दोनों एसटीपी के लिए यहां से पर्याप्त बिजली मिल जायेगी। सरकार के अधिकारीयों की माने तो इस योजना के सफल होने पर इसे अन्य जगहों पर भी लागू किया जाएगा।
कैसे काम करता है फ्लोटिंग सोलर पैनल-
फ्लोटिंग सोलर पैनल पानी के ऊपर ही बिछाया जाता है और यह पानी में डूबता नहीं है। सूर्य की रौशनी से आसानी से चार्ज होने वाला यह पैनल बिना बैटरी के ही बिजली आपूर्ति करता है। जानकार बताते हैं कठौता झील बहुत बड़ी है और यहाँ यह सफल होगा। झील में पैनल लगने से बिजली तो मिलेगी ही, पानी का वाष्पीकरण भी कम हो जायेगा। पैनल की वजह से पानी, भाप बनकर कम उड़ेगा और दोनों की बचत होगी। इतना ही नहीं पानी के ऊपर पैनल होने से वह जल्दी ठंडा होगा और चार्जिंग सिस्टम अच्छा चलेगा।
-अनुज मौर्य की रिपोर्ट लखनऊ