बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। खुले में बाघिन का घूमना एक ओर वन अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। वही खुशी इस बात की है, यदि बाघिन दिन में खुले में घूमेगी तो वह जगह-जगह लगे पिंजरे में बंद बकरा, पड्डा या सुअर का शिकार करेगी। पिजरें में बंद होने पर उसे ट्रेंकुलाइज करने में आसानी हो जाएगी। बुधवार को सीसीटीवी कैमरे चेक कराए गए। अलग-अलग कैमरों में बाघिन की खुले में घूमते हुए पांच तस्वीरें कैद हुई हैं। रबर फैक्ट्री परिसर में बड़ी- बड़ी झाड़ियां हैं। जो ड्रोन उड़ाने में दिक्कत बनती हैं। वन अधिकारियों का कहना है कि यदि भाग बाघिन को खुले में ट्रेंकुलाइज किया जाता है। तो इजंक्शन लगते ही बाघिन भागेगी। 10 मिनट में 10 किलोमीटर का एरिया पार कर सकती है। सबसे बड़ा डर इस बात का है कि रबड़ फैक्ट्री परिसर में अंडर ग्राउंड सुरंगे बनी हुई हैं गोदाम बने हुए हैं, जिनमें अंधेरा रहता है। सालों से बंद पड़े हैं। अगर बाघिन उनमें कहीं चली गई, तो उसे खोज पाना मुश्किल होगा। समय पर अगर उसे होश में लाने के लिए डोज नहीं दी गई तो जान भी जा सकती है। इसलिए निर्णय लिया गया है कि बाघिन को पिंजरे में बंद करना ही सुरक्षित रहेगा। या फिर ऐसा स्थान चिन्हित किया जाए, जहां टारगेट पर बाघिन कहीं छुप न सके और बेहोश होने पर उसे पकड़ लिया जाए। डीएफओ भरत लाल का कहना है, बुधवार को दिन में बाघिन की कई तस्वीरें कैमरे में कैद हुई हैं। कई दिनों से बाघिन दिख नहीं रही थी। उम्मीद है रबर फैक्ट्री परिसर में लगे पिंजरों में बंद जानवरों का बाघिन शिकार करेगी। जल्द पकड़ी जाएगी। जहां बाघिन देखी जा रही है, उस एरिया मव कांबिंग बंद करा दी है। जिससे बाघिन निडर होकर घूमे और शिकार करें।।
– बरेली से कपिल यादव