बरेली। सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में रबड़ फैक्ट्री श्रमिक संघर्ष समिति की बैठक अधिकारियों के साथ हुई, जिसमें मजदूरों को अंतरिम राहत भुगतान पर चर्चा हुई। डीएम ने लखनऊ के अधिकारियों से वार्ता कर निर्णय से अवगत कराने का आश्वासन दिया। डीएम अविनाश सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में रबड़ फैक्ट्री श्रमिक संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने पूरी बात रखी। वैधानिक देय भुगतानों के अंतरिम भुगतान के मुद्दे पर चर्चा हुई। नेशनल हाईवे चौड़ीकरण में अधिकृत 9.37 हेक्टेयर जमीन से मिली मुआवजा राशि प्रशासन के अधिकार में वर्ष 2008-09 से जमा है। जिसका स्थानांतरण अभी तक सक्षम विभाग को नहीं हुआ है। उसी राशि को पीड़ित रबड़ फैक्ट्री मजदूरों को अंतरिम राहत भुगतान करने की मांग की गई। इस संबंध में पदाधिकारियों ने 10 अक्टूबर को डीएम को मांग पत्र भी सौंपा था। उसी पर अफसरों ने गहन चर्चा की। बैठक में अशोक कुमार मिश्र ने वर्ष 1999 से अब तक की घटनाक्रम पर तथ्यात्मक जानकारी दी और कहा कि पिछले 26 सालों से आर्थिक तंगी, बीमारी, भुखमरी से असमय 500 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में मजदूरों की बद से बदतर हालत है। मजबूर मजदूरों को तुरंत राहत देने की पुरजोर मांग प्रशासन से की। डीएम ने दिवाली से पहले लखनऊ में अधिकारियों से मजदूरों को मुआवजा राशि से भुगतान करने पर विचार विमर्श करने के बाद मजदूर प्रतिनिधिमंडल को निर्णय से अवगत कराने की बात कही। डीएम ने मीटिंग में शामिल अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस विषय पर विचार कर रास्ता निकालें। बैठक में एडीएम फाइनेंस संतोष बहादुर सिंह, एडीएम जे देश दीपक सिंह, शासकीय अधिवक्ता पुरुषोत्तम पटेल, यूपीसीडा के अधिकारी और एसएंडसी कर्मचारी प्रतिनिधिमंडल में सतीश रोहतगी, अजय भटनागर, अनिल गुप्ता, प्रमोद कुमार, आरसी शर्मा, प्रदीप रस्तोगी, एससी निगम शामिल रहे।।
बरेली से कपिल यादव