बरेली। रक्षाबंधन पर रोडवेज बस स्टैंड पर हावी अव्यवस्थाओं ने बहनों का त्योहार फीका कर दिया। सरकार ने रोडवेज की बसों में बहनों के लिए सहयात्री के साथ तीन दिन तक मुफ्त यात्रा की सुविधा दी है। इसके लिए बसों के फेरे भी बढ़ाए गए। मगर, मुश्किलें कम नही हुई। पहले दिन बहनों को जहां बसों में यात्रा के लिए धक्का-मुक्की सहनी पड़ी। वही रक्षाबंधन के दिन भी ऐसे ही हालात दिखे। बस कब आएगी ये बताने के लिए पुराने बस अड्डे और सैटेलाइट रोडवेज बस स्टैंड पर कोई कर्मचारी नही दिखा। जिस कारण उतराखंड, सीतापुर, मथुरा जाने वाली मार्ग पर बसें न होने से बहनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। छोटे रूटों की बसों के लिए भी कई घंटे तक इंतजार करना पड़ा। शनिवार सुबह से दोनों ही बस स्टैंड पर काफी संख्या में यात्री खड़े थे। जिनमें से महिलाओं की जुबान पर बस एक ही सवाल था कि किराया तो सरकार ने मुफ्त कर दिया, लेकिन बस कब आएगी इसका कुछ पता नहीं चल रहा। सैटेलाइट बस स्टैंड पर बसों में सीट हासिल करना महिलाओं के लिए सबसे मुसीबत का काम रहा। सीट के लिए सवारियां आपस में उलझती रहीं। वहीं, पुराने बस अड्डे पर बसें नहीं मिलने से उतराखंड जाने वाले यात्रियों को सबसे अधिक समस्या का सामना करना पड़ा। इक्का-दुक्का जो बसे थी उनमें सीट को लेकर यात्रियों में मारपीट की नौबत तक आ गयी। धक्का-मुक्की के बीच बहनें बसों में चढ़ी और उतरीं। सीट के लिए लोग चालक की सीट की खिड़की तक से भी घुस गए। पुराना बस अड्डा पर मुरादबाद, बदायूं, रामपुर, बिजनौर जाने वाली बसों के लिए महिलाओं को एक से लेकर दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। जो बसें बस स्टैंड से निकल रही थीं, वह इस कदर खचाखच भरी थीं कि गोद में बच्चा व एक हाथ में बैग लेकर महिला को बस में चढ़ना किसी चुनौती से कम नहीं था। हालत इतनी अधिक खराब थी कि सीट पाने को बच्चों को खिड़की तक से घुसा दिया जा रहा था।।
बरेली से कपिल यादव