योग से अक्षमता व तमाम रोग से छुटकारा दिलाने की शक्ति

बरेली। योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी और पतंजलि आयुर्वेद की सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में योग और आयुर्वेद दोनों का विशेष महत्व है। कोविड-19 महामारी से सुरक्षा के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना आवश्यक है जो योग से संभव है योग में जब आयुर्वेद का समावेश होता है तो इससे असाध्य बीमारियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है।अश्वगंधा, गिलोय और तुलसी इनका सही विधि से सेवन करने से कोरोना से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। एमजेपी रोहिलखंड विश्वविद्यालय में योग दिवस पर कोरोना महामारी से बचाव में प्रतिरोधक शक्ति और योग की भूमिका के विषय पर रविवार को आयोजित वेबीनार में बोलते हुए उन्होंने यह बातें कहीं। बालकृष्ण ने कहा कि योगाभ्यास एक प्राचीन रूप है जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था। आज विश्व भर में लगभग दो अरब लोग योग करने लगे हैं। इसलिए क्योंकि शरीर स्वस्थ रहता है रोग और अक्षमता से छुटकारा मिलता है। मन और शरीर को भी आराम मिलता है। पाचन तंत्र अच्छा रहता है। अस्थमा,मधुमेह, हृदय तथा मानसिक विकार आदि बीमारी में कारगर है। इसके साथ ही सहनशक्ति एकाग्रता भी बढ़ाता है। श्रीमद् दयानंद गुरुकुल कन्या महाविद्यालय चोटीपुरा कि आचार्य डॉक्टर सुमेधा आर्य ने कहा कि पश्चिमी भोगवादी संस्कृति से दूर रहने के लिए भारत की योग संस्कृति को अपनाना युवाओं की जिम्मेदारी है। वेबिनार के संरक्षक कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ल ने एनएसएस को कार्यशाला के लिए बधाई देते हुए कहा कि आयुर्वेद योग भारतीय संस्कृति का अंग है। इसे अपनाएं। एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अशोक ने कार्यक्रम को सहारा। कुलसचिव डॉ सुनीता पांडे ने जीवन शैली में नित्य योग, प्राणायाम अपनाकर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का संदेश दिया है। बीएचयू के प्रोफेसर बीसी कापरी, डॉक्टर एलएन जोशी, एनएसएस राज्य संपर्क अधिकारी डॉ अंशु माली, डॉ पूनम चौहान, मोहित शर्मा आदि रहे।।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *