बरेली। सोमवार को इन्वर्टिस विश्वविद्यालय में कुलाधिपति डॉ उमेश गौतम एवं कार्यकारी निदेशक पार्थ गौतम की ओर से आयोजित स्वागत समारोह मे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) सबसे पहले लागू करने का ऐतिहासिक काम किया है। ये किसी धर्म या पंथ के विरोध में नहीं है, बल्कि इससे विभिन्न समाजों में कुप्रथाओं का अंत होगा। यूसीसी से तीन तलाक, हलाला और श्रद्धा हत्याकांड जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी। लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण होगा। देवभूमि से निकलने वाली गंगोत्री जिस तरह पूरे देश को पवित्र करती है, उसी तरह यूसीसी का प्रभाव सिर्फ उत्तराखंड तक सीमित नही रहेगा, बल्कि पूरे देश में इसकी समरस धारा बहेगी।उन्होंने कहा कि इस कानून में सभी को समानता का अधिकार है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह कदम उठाया गया है। इसे लागू करने से पहले कई प्रकार के भ्रम फैलाए गए थे। पर अब उत्तराखंड की मुस्लिम महिलाएं, आभार जताती हैं। इस कानून से एक धर्म विशेष में व्याप्त कुरीतियों और व्यक्तिगत कानूनों से मुक्ति मिली है। अब मामूली बात पर किसी महिला को तीन बार तलाक कहकर घर से बाहर नही निकाला जा सकता। लिव इन रिलेशनशिप का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में एक युवती के टुकड़े कर फ्रीज मे रख दिया था। कानून लागू होने से कोई आफताब किसी श्रद्धा को जाल में फंसाकर टुकड़े-टुकड़े नही कर पाएगा। लिव-इन रिलेशनशिप मे अलगाव का असर बच्चों पर पड़ता है, इसलिए यूसीसी में ऐसे बच्बों के अधिकारों की रक्षा का भी प्रावधान किया है। कहा कि अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह कानून लाखों महिलाओं के अधिकारों का एक सशक्त सुरक्षा कवच है जो वर्षों से समानता की प्रतीक्षा कर रही थी। समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों के बीच समरसता स्थापित करने का संवैधानिक उपाय है। इसमें किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है, केवल कुप्रथाओं को दूर किया गया है। इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं मेयर डा. उमेश गौतम ने कहा कि उत्तराखंड मे ऐसे देवस्थल है। जिनके बारे में लोगों को पता नही था। उन्हें सखमने लाने का साहस धाकड़ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया है। आदि कैलाश समेत अन्य देवस्थलों के दर्शन कराने के लिए काम किया। तमाम परिवहन वावस्था की। अभी तक असंभव प्रतीत हो रही समान नागरिक संहिता मुख्यमंत्री धामी ने लागू की। जिसे अन्य कोई राज्य लागू नही कर पाए है। ऐसे सहनशील मुख्यमंत्री बनकर उभरे कि युवाओं के लिए प्रेरणा का सौत बन गए।।
बरेली से कपिल यादव