यूपी के एडेड माध्यमिक कॉलेजों में प्रबंध संचालकों की बड़े पैमाने नियुक्ति,सभी जेडी से मांगी गई रिपोर्ट

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के एडेड माध्यमिक कॉलेजों में लंबे समय से प्रबंध संचालक तैनात हैं। शिक्षा महकमे के अफसर ही इन पदों पर नियुक्त हैं, जिससे वे ही प्रबंध संचालन समितियों के गठन में बाधा बने हैं। नियमानुसार मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों (जेडी) को नवीन प्रबंध संचालन समितियों का गठन कराना था लेकिन, वे इसकी अनदेखी कर रहे हैं। अब अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने सभी जेडी से इस संबंध में तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।

उत्तर प्रदेश के शिक्षा निदेशालय ने एक नवंबर, 2019 को अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक कॉलेजों में प्रशासन योजना के तहत नियुक्त प्राधिकारी नियंत्रक के संबंध में सूचना मांगी गई थी। शासन ने रिपोर्ट लेने के बाद निर्देश दिया था कि जिन कॉलेजों में नियमित प्रबंध समिति किन्हीं कारणों से नहीं है, वहां नियमानुसार कार्यवाही करके नवीन प्रबंध समिति गठित कराई जाए। शासन ने इसके लिए नोडल अधिकारी नामित किए और उनसे आख्या मांगी। उसमें सामने आया है कि एडेड माध्यमिक कॉलेजों में बड़े पैमाने पर प्रबंध संचालक या प्राधिकारी नियंत्रक तैनात हैं।
अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने जेडी से पूछा है कि उनके अधीनस्थ जिलों के एडेड माध्यमिक कॉलेजों में शासन से नियुक्त हैं या फिर उनके स्तर पर नियुक्ति दी गई है? साथ ही ऐसे कॉलेजों में नवीन प्रबंध समिति बहाल करने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?

कई जेडी ने अपनी आख्या में लिखा है कि कॉलेजों में प्रबंध संचालक नियुक्त हैं। अपर निदेशक का कहना है कि यह व्यवस्था सरकार तीन जनवरी 2017 को ही समाप्त कर चुकी है। ऐसे में किन परिस्थितियों में प्रबंध संचालक नियुक्त किए गए? ऐसे कॉलेजों में चुनाव क्यों नहीं कराया गया है, जबकि 2017 के शासनादेश में प्रावधान है कि जहां प्रबंध संचालक नियुक्त है वहां तीन माह के अंदर प्रबंध समिति का गठन करा दिया जाए।

साथ ही कॉलेज के संबंध में सॉफ्टवेयर बनाकर भूमि, भवन, चल-अचल संपत्तियों व कोष आदि का विवरण अपलोड कराया जाए। सूत्रों के अनुसार प्रदेश के करीब 500 से अधिक एडेड माध्यमिक कालेजों में प्रबंध संचालक तैनात हैं, इनमें से लगभग एक सैकड़ा शासन ने नियुक्त किया है, बाकी जेडी स्तर पर ही तैनाती दी गई है। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है इससे अफसरों में खलबली मची है।

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