यूपी की योगी सरकार में ADG कुमार के मेरठ जोन में रिकॉर्ड 1000 एनकाउंटर

यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभालते ही सख्त तेवर दिखा ये साफ कर दिया कि पूर्व की सरकार की कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाकर आई उनकी सरकार सूबे में अपराधियों को नाकों चने चबवा देगी । सीएम ने अपराधियों के कानों तक बात भी पहुंचा दी थी कि या तो सरेंडर कर दो या सूबे को छोड़ दो या एऩकाउंटर के लिए तैयार रहो । और फिर योगी आदित्यनाथ के राज में कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए शुरू हुआ एनकाउंटर का दौर। पुलिस भी पूरी मुस्तैदी और फुर्ती के साथ एनकाउंटर नाम के हथियार से बदमाशों का सफाया करने में जुटी हुई है। लगातार हो रही मुठभेड़ों से इन दिनों उत्तर प्रदेश थर्राया हुआ है। प्रदेश का कोई जिला ऐसा नहीं है जहां पुलिस और बदमाशो के बीच एनकाउंटर की खबरे ना आ रही हों। नतीजतन जिन अपराधियों ने कभी प्रदेश में आंतक मचाया हुआ था वो सलाखों के पीछे नजर आ रहे हैं। तो कुछ पुलिस की गोली खाकर परलोक सिधार चुके हैं। पुलिस के इस एनकाउंटर नाम के हथियार से प्रदेश में चलाया जा रहा अपराधी आल आउट मिशन अब पूरे शबाब पर पहुंच चुका है। अकेले मेरठ की बात करें तो पुलिस अब तक रिकॉर्ड 1000 मुठभेड़ों को अंजाम दे चुकी है। एडीजी प्रशांत का नेतृत्व और पुलिस की सक्रियता का ही नतीजा है कि कभी अपराधियों का गढ़ माने जाने वाला मेरठ ज़ोन आज अपराध और अपराधियो के सफाया मिशन में क्लाइमेक्स पर पहुंचता नजर आ रहा है।

मेरठ ज़ोन में रिकॉर्ड एनकाउंटर

प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद अकेले मेरठ जोन में अब तक 1000 मुठभेड़ को अंजाम दिया जा चुका है। आकंड़ों की बात करें तो पुलिस और बदमाशो के बीच हुई इन मुठभेड़ों में कुल 988 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया जिनमे 629 इनामी और शातिर बदमाश सलाखो के पीछे पहुंच गए तो वहीं 468 अपराधी एनकाउंटर के दौरान पुलिस की गोली लगने से घायल होकर अस्पताल के बिस्तर पर पहुंच गए। तो वहीं 41 बदमाश मुठभेड़ में पुलिसिया गोली से ढेर हो गए । बहरहाल बहादुरी से इतनी मुठभेड़ों को अंजाम देने वाली पुलिस के कुछ वर्दीवाले भी बदमाशों की गोली से घायल हुए। आपको बता दें कि इन मुठभेड़ों में मेरठ पुलिस के228 पुलिसकर्मी घायल हुए वहीं शामली में तो शातिर अपराधी साबिर जंधेड़ी से बेहद दिलेरी के साथ लोहा लेने वाला एक सिपाही अंकित तोमर शहीद भी हुआ। वहीं मेरठ जोन में योगी सरकार में 49 लोगो पर एनएसए की कार्रवाई भी की गई। बहरहाल यहां कहना गलत नहीं होगा कि कभी अपराधियों और बदमाशों का गढ़ माना जाने वाला मेरठ जोन आज एडीजी प्रशांत कुमार की बदौलत अपराध मुक्त होता नजर आ रहा है । एडीजी प्रशांत कुमार वो तूफान साबित हुए हैं जिनके आगे बड़े-बड़े शातिर अपराधी तिनकों की मानिद उड़ गए । इनके नेर्तत्व में ज़ोन की पुलिस ने हजारों से लेकर लाखों के इनामी बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया । वहीं कई बदमाशों को या तो जेल का रास्ता दिखाया गया या जनपद से बाहर ।वहीं मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार के नेत्रित्व में जिलों के कप्तानों का मनोबल भी बढ़ा है और ज़ोन के जिलों में भी अपराध और अपराधियो के सफाए के लिए ताबड़तोड़ एनकाउंटरों को अंजाम दिया जा रहा है। बीते महीनों पर नजर दौड़ाए तो अब तक मेरठ जोन में होने वाले बड़े अपराधों का ग्राफ काफी गिर गया है जिसकी गवाही बदमाशों के साथ लगातार हो रही मुठभेड़ देती नजर आ रही हैं।

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अजय के नेतृत्व में ताबड़तोड़ 100 एनकाउंटर

योगी सरकार के राज में ये एनकाउंटर का सिलसिला मेरठ ज़ोन के गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, मेरठ, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर की एहम भूमिका रही है । वर्तमान में एसएसपी अजय पाल शर्मा जो एनकाउंटर अजय के नाम से भी मशहूर है उन्होने तो शामली में रहते हुए भी ताबड़तोड़ एनकाउंटर को अंजाम दिया और अब गौतमबुद्धनगर में भी ये तेज-तर्रार अधिकारी अपने एनकाउंटर के दम पर लगातार अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा रहा है। गौर करने वाली बात है कि इन मुठभेड़ों में पुलिस ने शातिर और इनामी बदमाशों के हौंसलों को जमीनोदोज करने में सफलता पाई। । आपको बता दें कि एनकाउंटर अजय के एसएसपी गौतमबुद्धनगर बनने के बाद जनपद में करीब 100 एनकाउंटरों अपने नाम किए। योगी सरकार में सबसे पहला एऩकाउंटर कर एसएसपी अजय पाल शर्मा के चर्चे आम हो गए थे और फिर तो शामली में गोलियों की आवाज थमी नहीं और एक-एक कर शामली में मुठभेड़ में कई नामी बदमाशों के प्राण पखेरू उड़ गए या फिर सलाखों के पीछे पहुंच गए और कुछ पलायन कर गए । एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने शामली में अमन और सुकून की बयार बहाने में अहम योगदान दिया। एसएसपी अजयपाल के काम का लोहा हर किसी ने माना और फिर इस अधिकारी को गौतम बुद्ध नगर की जिम्मेदारी उस वक्त दी गई जब यहां अपराधियों ने कोहराम मचाया हुआ था। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने मार्च 2018 में गौतमबुद्धनगर का चार्ज संभाला। और इस एनकाउंटर के माहिर खिलाडी ने जनपद की नब्ज को पकड़ लिया। और शुरू कर दिया एनकाउंटर का खेल। गौतमबुद्धनगर पुलिस भी कप्तान के नेतृत्व में ऐसी चुस्त नजर आई की फिर शातिर बदमाशों को पकड़ते देर ना लगी। हर रोज गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच शातिर अपराधी पकडे जा रहे हैं। और जिसका नतीजा ये हैं कि एसएसपी अजयपाल के 8 महीन के कार्यकाल में अब तक अकेले गौतमबुद्धनगर में 100 मुठभेड़ों को अंजाम दिया जा चुका है।

सहारनपुर और बुलंदशहर में भी मुठभेड़

जोन में हो रही लगातार मुठभेड़ों को देखते हुए सहारनपुर और बुलंदशहर पुलिस भी कैसे पीछे रह सकती है। यहां भी पिछले दिनों कई एनकाउंटर को अंजाम दिया गया। ताजा मुठभेड़ की बात करें तो थाना मंडी क्षेत्र के सकलापुरी में शराब के ठेके के पास पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में बदमाश शौकीन और अजीम गोली लगने से घायल हो गए वहीं फायरिंग में हेड कांस्टेबल योगेश को भी गोली लगी। पुलिस ने इन शातिर बदमाशों के पास से एक गाड़ी भी बरामद की है। वहीं थाना सिकन्द्राबाद पुलिस में तैनात तेज तर्रार इंस्पेक्टर अवनीश गौतम और इंडिगो कार सवार 05 बदमाशों के बीच भी जबरदस्त मुठभेड़ हुई बताया जा रहा है कि पांचो बदमाश इंडिगो कार में सवार होकर ककोड़ रोड पर स्थित पेट्रोल पंप लूटने के मकसद से जा रहे थे। चैकिंग के दौरान पुलिस ने बदमाशों के वाहन को रोकने का प्रयास किया एवं घेराबन्दी की तो बदमाशों ने पुलिस पर फ़ायरिंग कर दी पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की जिसमे 3 बदमाश गोली लगने से घायल हो गए तो वहीं 2 बदमाश अंधेरे का फ़ायदा उठाकर जंगल की ओर फ़रार हो गए। घायल तीनो बदमाश कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना गैंग के सदस्य बताए जा रहे हैं। पुलिस के मुताबिक तीनो बदमाश पूर्व में भी जेल जा चुके है इनके खिलाफ लूट, डकैती आदि के कई आपराधिक मामले दर्ज है। पुलिस नेबदमाशो के पास से अवैध असलहे सहित भारी मात्रा में कारतूस और इंडिगो कार बरामद की है। फिलहाल पुलिस ने घायल तीनों बदमाशो को उपचार हेतु जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बदमाश अब सिर उठाने से भी तौबा करेंगे

पूर्व की सरकार में शायद ही कभी इतने एनकाउंटरों को अंजाम दिया गया हो जितना योगी सरकार में दिए जा रहे हैं। ताबड़तोड़ एनकाउंटरों और गोलियों की तड़तड़ाहट देख ऐसा लग रहा है बदमाश अब सिर उठाने से भी तौबा करेंगे क्योंकि एनकाउंटर नाम की दहशत उनके जेहन में पैठ बना चुकी है। बहरहाल ये तो आगाज भर है अंजाम तक पहुंचना तो अभी बाकी है।

– साभार

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