बरेली- भारत का युवा भविष्य यूकेन में फंसा भारतीय युवा एमबीबीएस का छात्र शकील खान के बूढ़े माता-पिता थाना सीबीगंज गोविंदा पुर ने सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है।बेटे मोहम्मद शाहिद खान से 3 दिन पहले फोन पर हालात की जानकारी ली थी। बेटे ने बताया लास्ट ईयर के एग्जाम बाकी थी 6 महीने बाद वतन वापसी थी इसी बीच रूस की तरफ से हवाई हमले होना शुरू हो गए हॉस्टल से हमें बस मे बैठा कर शहर से निकालकर बॉर्डर की तरफ ले जा रही थी हवाई हमले होने के कारण हमें पैदल चल कर 10 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ा। ठंड के बढ़ते प्रकोप के कारण पूरी रात बंकर में खड़े होकर को काटनी पड़ी। खाने पीने का कोई सामान हमारे पास नहीं है परिस्थिति काफी ही गंभीर बनी हुई है न ही पैसे अपने पास है। भारतीय एंबेसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। उसकी परेशानियों को सुनकर बूढ़े मां बाप का दिल पसीज गया अपने बच्चे के लिए ईश्वर से दुआ कर रहा है साथ ही खैरियत से अपने वतन भारत वापस लौट आए ।जितने भी भारतीय युवा भारत का भविष्य यूक्रेन में फंसे हैं उनके लिए भी प्रार्थना की और सरकार से मांग की है हमारे बच्चों को सकुशल भारत वापस लाया जाए उनसे संपर्क करके खाने पीने की सुविधा बैठने की व्यवस्था दी जाए सरकार से हम मदद की गुहार मांगते हैं बेबी खान और शरीफ खान का बेटा अपने मां-बाप का नाम रोशन करने एमबीबीएस कोर्स करने के लिए यूक्रेन में गया था जिसका 1 वर्ष पूरा हो चुका था जिसकी 2 दिन पहले ही अपने माता-पिता से बात हुई थी उसने जानकारी दी हालात बहुत बुरे हैं खाने पीने के लिए कोई सामान नहीं है हॉस्टल की तरफ से अपने घर जाने को कहा गया है बस न मिलने के कारण कई किलोमीटर का सफर पैदल तय करना बॉर्डर पर काफी भीड़ होने के कारण हमें अंदर नहीं दिया जा रहा उसके बाद उसके फोन से संपर्क नहीं हो पाया हम भारत सरकार से फरियाद करते हैं हमारे बच्चों को भारत सरकार सकुशल वतन वापसी कराएं।
– बरेली से तकी रज़ा