बरेली। शासन की पहल पर एक तरफ ट्रैफिक पुलिस जागरुकता अभियान चलाकर सड़क सुरक्षा का प्रसार-प्रचार कर रही है। वहीं दूसरी ओर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाकर जिंदगी से बेखौफ वाहन चालक सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। प्रतिवर्ष नवंबर माह में सड़क सुरक्षा अभियान चलाकर आम जनमानस को ट्रैफिक के प्रति जागरुक किया जाता है कि वाहन चालक नियमों की अनदेखी न करके सावधानी पूर्वक गाड़ी चलाएं, लेकिन वाहन चालक नियमों की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। बाइक में बिना हेलमेट के तीन या चार सवारियां बिठाकर सड़कों पर फर्राटा भरना जैसे आम बात हो गई है। यातायात माह के दौरान होने वाले वाहन चेकिंग तथा यातायात नियमों का इन पर कोई असर नहीं है। फोरलेन हाईवे हो या अन्य मार्ग हर जगह अधिकांश हादसों में बाइक सवार ही जान गंवा रहे है। वर्तमान दौर में तेज स्पीड की विभिन्न तरह की बाइक होने से युवा वर्ग इन बाइकों को फिल्मी स्टाइल में दौड़ाते नजर आते है। हद तो तब हो जाती है जब एक बाइक पर तीन या चार लोग बैठकर एक्शन का प्रदर्शन करते है। बाइक तथा स्कूटी के बढ़ते चलन तथा अनाधिकृत किशोरों द्वारा सड़कों पर दौड़ने से हर समय हादसे का भय बना रहता है। पुलिस चेकिंग में छात्र या प्रभावशाली लोगों के बच्चे होने से कार्रवाई से बच जाते है। इसके चलते बेहताशा दोपहिया वाहनों के अनियंत्रित संचालन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। अधिकांश बाइक सवार यातायात नियमों से अनभिज्ञ होते है। इनका मकसद सिर्फ बाइक को तेज रफ्तार से चलाना भर है। गौरतलब है बात तो यह है कि हर साल यातायात माह मनाया जाता है जिसके तहत पुलिस तथा परिवहन विभाग स्कूलों तथा अन्य सामाजिक संस्थानों में जाकर यातायात नियमों की जानकारी देते रहे है। इसके बावजूद नियमों का उल्लंघन साफ नजर आता है। युवा हाथों में बाइक सौंपते समय अधिकांश अभिभावक उसकी दक्षता पर ध्यान नहीं देते हैं यदि ध्यान देते तो किशोरों के हाथ में बाइक तथा स्कूटी नजर नहीं आती। अगर किशोर ने कॉलोनी या पार्क में बाइक चलाकर अभिभावक को दिखा दी तो उसे बाइक या स्कूटी सौंप देते है। जिससे सड़कों पर बेहतासा यातायात होने पर ऐसे युवा हादसे के शिकार हो जाते है।।
बरेली से कपिल यादव