बरेली। यति नरसिंहानंद की पैगंबर-ए-इस्लाम पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मुस्लिम समुदाय का गुस्सा शांत होने का नाम नही ले रहा। सोमवार की देर रात करीब एक बजे बारादरी थाना के पास कुछ लोग जुटना शुरू हो गए और यति नरसिंहानंद का पुतला फूंका। पुतला फूंकने के मामले में दो लड़कों को बारादरी पुलिस ने पकड़ा तो भीड़ उन्हें छुड़ाने थाने पहुंच गई। पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को खदेड़ा। बाद में आईएमसी व अन्य संगठनों के नेता पहुंचे। इंस्पेक्टर से वार्ता के बाद दोनों को परिवार की सुपुर्दगी में दे दिया गया। दो दिन पहले कांकरटोला में पुतला फूंका गया था। इस मामले में सोमवार रात कांकरटोला से पुलिस दो लड़कों को पकड़कर बारादरी थाने ले आई। रात करीब साढ़े 11 बजे मोहल्ले के लोग थाने पहुंच गए। वह लोग एक को नाबालिग व दूसरे को मानसिक कमजोर बताकर छोड़ने पर अड़ गए। कहने से भीड़ न हटी तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर हटा दिया। इस बीच आईएमसी नेता नदीम कुरैशी, जमात रजा मुस्तफा के कुछ पदाधिकारी थाने पहुंच गए। वहां इंस्पेक्टर अमित पांडेय से इन्होंने बात की। इंस्पेक्टर ने परिवार के आने पर लिखापढ़ी में लड़कों को छोड़ने की बात कही। तब परिवार के लोग लड़कों को ले गए। इससे पहले आईएमसी व अन्य संगठनों के नेताओं के नाम से लाठीचार्ज जैसे फर्जी मेसेज सोशल मीडिया पर चलने लगे। हालांकि नेताओं ने इनका खंडन किया। रात एक बजे करीब घटनाक्रम का पटाक्षेप हो गया। कुछ लोग सोशल मीडिया ग्रुपों में घरों से बाहर निकलने का आह्वान करने लगे। पुतला फूंकने के दौरान हिरासत में लिए गए युवकों को छुड़ाने के लिए ये मैसेज वायरल किए जा रहे थे। हालांकि दरगाह आला हजरत से जुड़े कुछ संगठनों के लोग पहुंचे। थाना बारादरी में बातचीत के बाद युवकों को छोड़ा गया।।
बरेली से कपिल यादव