आजमगढ़- देवगांव कोतवाली क्षेत्र के तारकडीह गांव में रविवार की दोपहर रिहायशी मड़ई में आग लग गयी। आग से झुलस जाने से वृद्ध उसकी पौत्री व पौत्र की मौके पर ही मौत हो गयी। जबकि दो पुत्र व बहू आग से झुलस गईं। दो मवेशी व तीन बकरियां भी जलकर मर गयीं। गृहस्थी के सामान खाक हो गए। ग्रामीणों ने अथक प्रयास कर किसी तरह से आग पर काबू पाया। एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत से गांव में कोहराम मचा हुआ है। देवगांव कोतवाली ताड़कडीह गांव निवासी सोमारू और कन्हैया दोनों सगे भाई का परिवार अलग-अलग मड़ई डाल कर रहता है। सोमरू रविवार को दोपहर में मड़ई के अंदर सो रहा था। उसी मड़ई में सोमारू के भाई कन्हैया की 15 वर्षीया पौत्री गंगा और छह वर्षीय पौत्र विकास भी सो रहा था। जबकि बच्चों के पिता प्रेमसागर और मां दूसरी मड़ई में थी। दोपहर लगभग 12 बजे अचानक मड़ई में आग लग गई। आग की लपटों को देख परिजन शोर मचाते हुए अंदर से भागने लगे। तब तक पछुवा हवा के झोंके से आग ने विकाराल रूप धारण कर लिया। अंदर सो रहे सोमारू और गंगा तथा विकास को आग के चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गए। ग्रामीणों ने तीनों को अंदर से खींच कर बाहर निकाला,तब तक सोमारू और गंगा की मौत हो चुकी थी। गंभीर रूप से झुलसे विकास को लालगंज अस्पताल के लिए लेकर भागे,जहां पहुंचते ही उसने भी दम तोड़ दिया। आग बुझाने के प्रयास में मृत बच्चों का पिता 37 वर्षीय प्रेम सागर पुत्र कन्हैया, माता 35 वर्षीया सुशीला के अलावा कन्हैया पुत्र मक्खू और 45 वर्षीय त्रिभुवन पुत्र कन्हैया आंशिक रूप से झुलस गया। सूचना मिलने पर लगभग आधा घंटे बाद अग्निशमन दल के जवान मौके पर पहुंचे। तब तक एक-एक कर तीनों रिहायशी मड़ई सहित पूरी गृहस्थी जल कर राख हो गई।
रिपोर्ट:-राकेश वर्मा आजमगढ़