बरेली। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से मुसलमान मायूस है। उनके सामने सवाल उठ खड़ा हुआ है कि मुसलमानों का भविष्य क्या होगा ?। सपा का वोटबैंक माने जाने वाले मुस्लिमों के रसूखदार नेता अब पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ नाराजगी सार्वजनिक करने लगे है। दरगाह आला हजरत से जुड़े मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से मुसलमान मायूस है और ऐसे वक्त में अखिलेश यादव मुसलमानों की उपेक्षा कर रहे हैं। कहा है कि अखिलेश यादव मुसलमानों के हितेशी नही है। वह सिर्फ हमारी बेइज्जती करते है। इसके बाद भी चार बार मुसलमानों ने पूरी तरह से अखिलेश यादव को वोट दिया। मुसलमानों से अपील है कि वे सपा की जगह दूसरे विकल्पों पर विचार करें। उन्होंने राय दी है कि भाजपा का भी अंधविरोध ठीक नही है। मौलाना ने कहा कि भविष्य के बारे में अच्छी उम्मीदें रखना और हमेशा आशावादी रहना अच्छी बात है।भविष्य को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखना होगा।आज की स्थिति में मुसलमानों को भी यही रवैया अपनाने की जरूरत है। उन्हें नकारात्मकता से बचना होगा। मुसलमानों को अपनी स्थिति पर विश्लेषण करना होगा। उन्हें आज तक कुछ नहीं मिला है। इसके विपरीत, कई दल अक्सर अपनी हार के ठीकरे अपने सिर पर फोड़ते है। जैसा कि बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने हाल ही मे अनिश्चित शब्दों में कहा है कि मुसलमानों ने हमें वोट नहीं दिया है जबकि वह सच में कहना चाहती हैं कि हम मुसलमानों की वजह से सीट पाने में सफल नहीं हुए है। समाजवादी पार्टी, जिसे मुसलमानों ने सामूहिक रूप से वोट दिया है। वह भी सत्ता खो चुकी है।समाजवादी पार्टी ने अपनी सीटों में इजाफा किया है लेकिन उसे इतनी सीटें नही मिल पाई हैं। जिससे उनकी सरकार बन सके। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि मुसलमानों को अब राजनीति और अपनी भागीदारी के बारे में बात नये सिरे से करनी होगी। जब तक कि वे किसी एक खास पार्टी के सहारे जीतते रहेंगे। उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। बल्कि मुसलमानों को अब नई रणनीति बनानी चाहिए।।
बरेली से कपिल यादव