बरेली। आईएमसी प्रमुख तौकीर रजा खां की गिरफ्तारी पुलिस के गले की फांस बन गई है। कोर्ट की फटकार के बाद सीओ प्रथम के नेतृत्व मेएक टीम दिल्ली रवाना हो गई है। मौलाना का मोबाइल स्विच ऑफ है और सुरक्षा मे लगाए गनर को भी उन्होंने गच्चा दे दिया है। कोर्ट ने सोमवार को आईएमसी प्रभारी मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इससे पहले गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया गया था। इसकी जिम्मेदारी थाना प्रेमनगर के इंस्पेक्टर आशुतोष रघुवंशी को दी गई थी। इंस्पेक्टर ने मामले को हल्के मे लिया और वारंट तामील कराने मे कोई खास मशक्कत नही की। इस दौरान मौलाना भले ही बरेली मे नही रहे पर उनके घर का दरवाजा खुला रहा। पुलिस चाहती तो दरवाजे पर भी समन चस्पा कर सकती थी। इसके साथ ही मौलाना दिल्ली में थे और उनका मोबाइल बराबर खुला रहा। थाना पुलिस के टालमटोल के रवैये को देखकर एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने सोमवार को प्रेमनगर थाना प्रभारी को मौलाना का मददगार बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था। उन्होंने मौलाना के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करके गिरफ्तारी की जिम्मेदारी सीओ प्रथम संदीप कुमार सिंह को दे दी। उन्हें दो दिन की ही मोहलत दी गई। मौलाना को गिरफ्तार करने के लिए बुधवार की तारीख तय की गई है। पुलिस की एक टीम के साथ सीओ दिल्ली रवाना हो गए है। वहां वह मौलाना के संभावित पतों पर जाएंगे। सीओ की जिम्मेदारी होगी कि मौलाना को खोजकर उसे वारंट रिसीव कराकर गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करे। इसके लिए टीम रवाना हो चुकी है। मौलाना की सुरक्षा में काफी समय से बरेली पुलिस के दो गनर चल रहे हैं। कुछ दिन पहले जब मौलाना ने सामूहिक गिरफ्तारी की चेतावनी दी थी तो शहर में माहौल बिगड़ने का अंदेशा था। अफसरों ने तब मौलाना की सुरक्षा वापस लेकर गनर हटा लिए थे। हालांकि शोर मचा तो अफसरों ने तर्क दिया कि ट्रेनिंग को गनर बुलाए गए है। बाद मे मौलाना को दूसरे गनर दिए गए थे। अब गनर की वजह से लोकेशन पता चलने और गिरफ्तारी के डर से मौलाना अपने दिल्ली आवास से गच्चा देकर निकल गए है।।
बरेली से कपिल यादव