बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। नैमिष पीठाधीश्वर आचार्य अवध किशोर शास्त्री ने बताया कि भागवत कथा मोक्षदायनी है। पापियों का भी यह उद्धार कर देती है। कस्बे के गांव खिरका जगतपुर मे साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन सायंकालीन सत्र मे संगीतमय प्रवचन की अमृतमयी रसवर्षा कर रहे थे। श्रीमद्भागवत कथा के अनेक प्रेरक प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने समझाया कि साधक को यदि सद्गुरु मिल जाए तो उसे सत्मार्ग भी मिल ही जाता है। आचार्य श्री ने कथा पंडाल में उपस्थित महिला-पुरुष श्रद्धालुओं को रुक्मिणी हरण प्रसंग सुनाया। सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया जो भक्त भागवत कथा प्रेम से सुनता है, वह भी परीक्षित की तरह निश्चित ही जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर भगवान के बैकुंठ धाम और मोक्ष का अधिकारी हो जाता है। भागवत कथा के अंतिम दिन मुख्य यजमान मूलचंद गंगवार ने सपत्नीक व्यास पूजन किया। बाद में सभी श्रद्धालुओं ने भी बारी-बारी से कथा कथाव्यास आचार्य अवध किशोर जी का श्रद्धाभाव से तिलक कर चरण स्पर्श किया। अंतिम दिवस की भागवत कथा मे दीनानाथ गंगवार, वीरेंद्र पाल सिंह फौजी, पूर्व प्रधान वीर सिंह, गणेश ‘पथिक’, मोहन स्वरूप गंगवार, नत्थूलाल गंगवार, दिनेश, भागवती शर्मा, कुसुमलता गंगवार, निर्वेश कुमारी, वन्दना समेत सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की सक्रिय सहभागिता रही।।
बरेली से कपिल यादव